NRC पर मोदी सरकार की बैठक से ममता का 'बहिष्कार', नहीं होंगी शामिल


पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर(एनआरसी) को लेकर होने वाली केंद्र सरकार की बैठक में हिस्सा नहीं लेंगी. नागरिकता संशोधन कानून (CAA) और एनआरसी पर मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वालीं ममता बनर्जी की सरकार को कोई भी मंत्री भी बैठक में नहीं पहुंचेगा.

बता दें कि ममता बनर्जी इससे पहले सोमवार को दिल्ली में हुई विपक्ष की बैठक में भी शामिल नहीं हुईं थीं. नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ देशभर में प्रदर्शनों के बीच साझा रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस ने समान विचारधारा वाली सभी पार्टियों की बैठक बुलाई थी.

सीएए के खिलाफ एक संयुक्त रणनीति बनाने के लिए और छात्रों के खिलाफ पुलिस की कथित बर्बरता के विरोध में सभी विपक्षी दल संसद उपभवन में हुई बैठक में शामिल हुए थे. कांग्रेस के निमंत्रण पर कई पार्टियों ने इस बैठक में शिरकत की थी लेकिन ममता बनर्जी ने इस बैठक से दूरी बना ली थी.

पश्मिच बंगाल में नहीं लागू होगा CAA-NRC

नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ पश्चिम बंगाल में बड़े स्तर पर विरोध प्रदर्शन देखने को मिला था. ममता बनर्जी ने सीएए और एनआरसी के खिलाफ मध्य कोलकाता इलाके से चले कई जुलूसों का नेतृत्व भी किया है. ममता बनर्जी कई बार दावा कर चुकी हैं कि नागरिकता कानून को वे पश्चिम बंगाल में लागू नहीं होने देंगी.

CAA के खिलाफ ममता का 'संकल्प'

सीएए पश्चिम बंगाल में लागू न करने के लिए ममता बनर्जी संकल्प भी ले चुकी हैं. एक कार्यक्रम के दौरान लिए गए संकल्प में ममता बनर्जी ने दोहराया था, 'हम सभी नागरिक हैं. हमारा आदर्श सभी धर्मों में सौहार्द्र है. हम किसी को बंगाल नहीं छोड़ने देंगे. हम शांति के साथ व चिंता मुक्त होकर रहेंगे . हम बंगाल में एनआरसी व सीएए को अनुमति नहीं देंगे. हमें शांति बनाए रखना है." ममता ने कहा कि तृणमूल की रैली में सभी का स्वागत है. उन्होंने कहा कि देश जब संकट से गुजर रखा है तो हर किसी को साथ लेकर चलना होता है.'

ममता बनर्जी का रुख नागरिकता कानून और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर के खिलाफ है, ऐसे में केंद्र की बैठक से किनारा करके ममता बनर्जी ने अपना रुख एक बार फिर साफ किया है.

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