नए साल के पहले दिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धमकी दी है. इराक के बगदाद में स्थित अमेरिकी दूतावास के बाहर ईरान के हजारों समर्थक प्रदर्शन कर रहे हैं, इस दौरान दूतावास पर पत्थर फेंके गए, दीवार पर चढ़ने की कोशिश की. इसी के जवाब में डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान को धमकी दी है और कहा है कि अगर अमेरिकी दूतावास के किसी सदस्य को कुछ हुआ तो ईरान को बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी.
डोनाल्ड ट्रंप ने ट्वीट किया कि इराक में स्थित अमेरिकी दूतावास अभी सुरक्षित है. हमारे कई लड़ाकू जवान शानदार तकनीक के साथ वहां पर मौजूद हैं. वह इराक के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री का भी शुक्रिया करना चाहेंगे क्योंकि उन्होंने तुरंत एक्शन लिया.
डोनाल्ड ट्रंप ने लिखा कि अगर इस दौरान किसी भी अमेरिकी दूतावास के सदस्य को चोट पहुंची या फिर कुछ हुआ तो बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ेगी. इसे चेतावनी नहीं, धमकी समझिए. हैप्पी न्यू ईयर.
The U.S. Embassy in Iraq is, & has been for hours, SAFE! Many of our great Warfighters, together with the most lethal military equipment in the world, was immediately rushed to the site. Thank you to the President & Prime Minister of Iraq for their rapid response upon request....— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 31, 2019
....Iran will be held fully responsible for lives lost, or damage incurred, at any of our facilities. They will pay a very BIG PRICE! This is not a Warning, it is a Threat. Happy New Year!— Donald J. Trump (@realDonaldTrump) December 31, 2019
आपको बता दें कि बीते दिनों अमेरिका ने एक हवाई हमले में ईरान समर्थित एक गुट पर हमला किया था, जिसमें 25 की मौत हुई थी. अमेरिका का आरोप था कि इस गुट का अमेरिकी ठेकेदार की मौत के पीछे हाथ था. इसी के विरोध में इराक के बगदाद में ईरानी समर्थक अमेरिका के खिलाफ हल्ला बोल किए हुए थे.
सोमवार से शुरू हुआ ईरानी समर्थकों का प्रदर्शन लगातार जारी है, अमेरिकी दूतावास के बाहर प्रदर्शनकारियों ने टेंट लगाया हुआ है और वहां पर ही जमा हैं. सोमवार को प्रदर्शनकारियों की सुरक्षाबलों से झड़प हो गई थी, इस दौरान पुलिस ने आंसू गैस से गोले छोड़े थे.
गौरतलब है कि अमेरिका और ईरान के बीच बीते कुछ समय में रिश्ते लगातार खट्टे ही हुए हैं. इससे पहले भी डोनाल्ड ट्रंप लगातार ईरान के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं और न्यूक्लियर डील को लेकर तकरार जारी है.