महाराष्ट्र में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लग गया है। इसे लेकर बिहार में भी सियासत तेज है. बीजेपी पर विपक्ष हमलावर हो गया है. महागठबंधन के नेताओं ने सीधा हमला किया है, जबकि जदयू नेताओं की ओर से इस पर बयान देने से बचा जा रहा है. वहीं बीजेपी ने महाराष्ट्र में लगे राष्ट्रपति शासन को जायज ठहराया है. वहीं एनडीए में शामिल लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने इसे दुखद बताया.
महाराष्ट्र में की गई लोकतंत्र की हत्या: राजद
राष्ट्रीय जनता दल के वरीय नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री जयप्रकाश नारायण यादव ने कहा कि यह सरासर लोकतंत्र की हत्या है. दूसरे दलों को पर्याप्त समय नहीं देना कहीं से भी उचित नहीं है. उधर, राजद प्रवक्ता डॉ रामानुज प्रसाद व प्रदेश महासचिव भाई अरुण ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लागू कर भाजपा ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है. जब राज्यपाल ने शाम आठ बजे तक सरकार बनाने का प्रस्ताव एनसीपी को दिया था तो उसके पहले राष्ट्रपति शासन लागू हो जाना लोकतंत्र की हत्या है.
24/10 को चुनाव परिणाम की घोषणा के उपरांत #महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए सबसे बड़े दल को लगभग दो सप्ताह का समय दिया गया, दूसरे दल को दो दिनों का और तीसरे को एक दिन का भी नहीं, फिर कैसा लोकतंत्र ?
24/10 को चुनाव परिणाम की घोषणा के उपरांत #महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए सबसे बड़े दल को लगभग दो सप्ताह का समय दिया गया, दूसरे दल को दो दिनों का और तीसरे को एक दिन का भी नहीं, फिर कैसा लोकतंत्र ?— Upendra Kushwaha (@UpendraRLSP) November 12, 2019
क्या हमारे पुरखों ने इसी लोकतंत्र की परिकल्पना की थी ?#13नवंबर_हल्लाबोल
यह कैसा लोकतंत्र : उपेंद्र कुशवाहा
रालोसपा प्रमुख व पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने भी नरेंद्र मोदी की सरकार पर निशाना साधा है. कुशवाहना ने अपने ट्वीट में कहा है- '24/10 को चुनाव परिणाम की घोषणा के उपरांत महाराष्ट्र में सरकार बनाने के लिए सबसे बड़े दल को लगभग दो सप्ताह का समय दिया गया, दूसरे दल को दो दिनों का और तीसरे को एक दिन का भी नहीं, फिर कैसा लोकतंत्र ? क्या हमारे पुरखों ने इसी लोकतंत्र की परिकल्पना की थी ?'
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन उचित कदम: सुशील मोदी
विपक्ष के हमले पर बीजेपी ने खुद का बचाव करते हुए महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन को जायज बताया है. डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन का फैसला उचित कदम है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को सरकार बनाने का स्पष्ट जनादेश मिला था, लेकिन सहयोगी दल की अनुचित मांग और अव्यावहारिक महत्वाकांक्षा के कारण चुनाव बाद जो गतिरोध पैदा हुआ, उसमें राष्ट्रपति शासन लगाने का फैसला एक उचित कदम है. उन्होंने एक ट्वीट में कहा कि राज्यपाल ने इसकी सिफारिश कर सिद्धांतहीन गठबंधन, खरीद फरोख्त और अवसरवाद की राजनीति पर अल्पविराम लगा दिया है. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के अप्रिय घटनाक्रम से उन करोड़ों लोगों को निराशा हुई, जिन्होंने सेवा करने वाली सरकार बनाने के लिए वोट दिए थे.
चिराग पासवान ने राष्ट्रपति शासन को दुखद बताया
लोजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष चिराग पासवान ने देर शाम महाराष्ट्र के घटनाक्रम पर ट्वीट कर अप्रत्यक्ष रूप से शिवसेना को निशाने पर लिया. चिराग ने अपने ट्वीट में कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगना दुर्भाग्यपूर्ण है. जनता ने एनडीए को सरकार बनाने का जनादेश दिया था. अपनी-अपनी महत्वाकांक्षा के कारण वहां सरकार न बनने देना दुखद है.