माइक्रोब्लॉगिंग वेबसाइट Twitter के CEO जैक डॉर्सी ने अपने प्लेटफॉर्म पर सभी पॉलिटिकल एडवर्टाइजिंग को ग्लोबल स्तर पर रोकने का फैसला लिया है. इसके लिए जैक डॉर्सी ने कुछ ट्वीट्स भी किए हैं. डॉर्सी ने इस फैसले के पीछे के कारण को समझाया है. उन्होंने कहा है कि इंटरनेट पर इस तरह के विज्ञापन हावी थे और कमर्शियल विज्ञापनदाताओं के लिए ये काफी प्रभावी साबित हो रहे थे. कारोबारी विज्ञापनों के लिए इसे फिर भी ठीक कहा जा सकता है लेकिन राजनीति में इससे बहुत बड़ा जोखिम हो सकता है. वहीं, Facebook इससे पहले कह चुका है कि वो इस तरह विज्ञापनों को बंद नहीं करेगा.
वर्ष 2016 के अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप की खबरों के बाद से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पॉलिटिकल विज्ञापन ग्लोबल स्तर पर एक चिंता विषय बनते जा रहे हैं. डॉर्सी ने कहा कि इस तरह की चुनौतियां न सिर्फ पॉलिटिकल विज्ञापन बल्कि हर तरह के इंटरनेट कम्यूनिकेशन को प्रभावित कर रही हैं. साथ ही यह भी कहा कि कंपनी इस फैसले को लेकर फाइनल पॉलिसी 15 नवंबर तक जारी कर देगी. इस फैसले को 22 नवंबर से लागू कर दिया जाएगा. इसे लागू करने से पहले विज्ञापनदाताओं को नोटिस पीरियड भी दिया जाएगा.
पॉलिटिकल विज्ञापनों के सबसे बड़े प्लेटफार्मों में फेसबुक, ट्विटर और गूगल जैसी कंपनियां शामिल हैं. इन कंपनियों ने ग्लोबल स्तर पर ने पॉलिटिकल विज्ञापनों के लिए डाटा जारी करने की प्रक्रिया में ट्रांसपेरेंसी लाने की कोशिश की है. डॉर्सी ने कहा कि हमें पॉलिटिकल विज्ञापनों के लिए और नियमों की आवश्यकता है जो काफी मुश्किल है.
वर्तमान में भारत पॉलिटिकल विज्ञापनों के मुद्दों से निपटने के लिए भी संघर्ष कर रहा है. सरकार ने भी एक मामले को लेकर सोशल मीडिया फर्मों के लिए नियम बनाने को कहा है. आपको बता दें कि डॉर्सी के ट्वीट्स को काफी सपोर्ट मिला है. कई ट्विटर यूजर्स ने इनके ट्वीट के जवाब में फेसबुक को टैग भी किया है.