झारखंड हाई कोर्ट की सख्‍त टिप्‍पणी, PM Modi के स्वच्छता अभियान को हल्के में ले रहे अधिकारी


झारखंड हाई कोर्ट के एक्टिंग चीफ जस्टिस एचसी मिश्र व जस्टिस अपरेश कुमार सिंह की खंडपीठ में तीन साल पहले बने सरकारी स्कूलों के शौचालयों को चालू करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई हुई. अदालत ने पेयजल एवं स्वच्छता सचिव को निर्देश दिया कि वे बीसीसीएल के अधिकारियों के साथ समन्वय स्थापित कर शौचालयों को जल्द चालू कराएं. अदालत ने मौखिक टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छता योजना को अधिकारी हल्के में ले रहे हैैं, यह सही नहीं है.

दरअसल, दुमका जिले के सरकारी स्कूलों में बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) की ओर से स्वच्छ भारत अभियान के तहत करीब दो हजार शौचालय बनाए गए. वर्ष 2016 में इनका निर्माण भी पूर कर दिया गया, लेकिन शौचालय चालू नहीं हो पाया. इसे लेकर जुगलाल सोरेन ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल कर इनको शुरू करने की मांग की.

सुनवाई के दौरान अदालत को बताया गया कि 95 फीसद स्कूलों में बिजली नहीं है, इस वजह से बिजली का मोटर नहीं लग पाया और शौचालय में पानी की सुविधा नहीं दी जा रही है. शौचालय बनने के बाद सरकार ने बीसीसीएल को एक प्रस्ताव दिया कि सभी शौचालय के संचालन की जिम्मेदारी उन्हें सौंप दी जाए, ताकि इसे चालू किया जा सके. लेकिन, तीन साल बीतने के बाद भी शौचालय चालू नहीं हो सके. सुनवाई के बाद अदालत ने पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सचिव को इस मामले में उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया. बीसीसीएल की ओर से अधिवक्ता अमित कुमार सिन्हा ने पैरवी की.
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