पीएम मोदी की रैली के लिए पेड़ काटने का मुद्दा गरमाया, पर्यावरण मंत्री जावड़ेकर ने दी सफाई


पुणे में होने वाली प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की रैली के लिए पेड़ काटे जाने का मुद्दा गरमाने के बाद बुधवार को पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावडेकर बचाव में उतरे. उन्होंने कहा कि ऐसा पहले भी किया गया था, लेकिन उस दौरान भी काटे जाने से ज्यादा पेड़ लगाए गए थे. उनकी यह टिप्पणी विपक्षी नेताओं द्वारा लगाए गए उन आरोपों के बाद आई है, जिसमें कहा गया था कि सर परशुराम कालेज के मैदान में होने वाली रैली के लिए पेड़ काटे गए हैं.

जावड़ेकर ने कहा, 'नियम यह है कि जब भी वन विभाग पेड़ काटता है, तो उससे ज्यादा पेड़ लगाता है. मैं समझ नहीं पा रहा कि आखिर पीएम की रैली के लिए पेड़ काटे जाने को लेकर इतना हल्ला क्यों मच रहा है? पूर्व में अन्य प्रधानमंत्रियों की रैली के लिए भी पेड़ काटे गए थे. मुझे आश्चर्य है कि पहले ऐसी जागरूकता क्यों नहीं थी?' महाराष्ट्र में किसानों की आत्महत्या के मुद्दे पर जावड़ेकर ने कहा कि राज्य सरकार को यह कांग्रेस-राकांपा सरकार से विरासत में मिला है. सिर्फ पांच जिलों में किसान आत्महत्या कर रहे हैं, क्योंकि यहां पर सिंचाई की सुविधा उपलब्ध नहीं है. उन्होंने पीएमसी बैंक घोटाले के लिए भी शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) को जिम्मेदार ठहराया.

जावड़ेकर ने हिंदू विचारक और स्वतंत्रता सेनानी विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न देने के महाराष्ट्र भाजपा के वादे का भी समर्थन किया. उन्होंने कहा कि हमें खुशी है कि सावरकर और समाज सुधारक सावित्रीबाई फुले और महात्मा ज्योतिबा फुले को भारत रत्न से सम्मानित करने की मांग को घोषणापत्र में शामिल किया गया है.

गौरतलब है कि मुंबई की आरे कॉलोनी में मेट्रो कार शेड के निर्माण के लिए और पेड़ों की कटाई के मुद्दे पर पिछले दिनों काफी हंगामा हुआ था. ये मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया. सुप्रीम ने पेड़ों की कटाई पर फिलहाल रोक लगा दी है. जस्टिस अरुण मिश्रा और जस्टिस अशोक भूषण की विशेष पीठ ने महाराष्‍ट्र सरकार को आदेश दिया कि वह अब कोई पेड़ नहीं काटें... अदालत ने यह भी कहा कि इस पूरे मामले की समीक्षा करनी होगी. महाराष्‍ट्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को आश्‍वस्‍त किया कि राज्‍य सरकार की ओर से अब इस इलाके में कोई पेड़ नहीं काटा जाएगा.


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