ये आदमी बतौर इंसान मर चुका है लेकिन रोबोट बनकर जिंदा है


आपने हॉलीवुड मूवी टर्मिनेटर तो देखी ही होगी. जिसमें एक्टर अर्नाल्ड श्वाजनेगर एक Cyborg (आधा इंसान, आधा रोबोट) हैं. Cyborg का मतलब साइबरनेटिक ऑर्गेनिज्म. यानी जिसमें मानव शरीर के अंग और रोबोट एकसाथ मिलकर काम करते हों. इंग्लैंड के वैज्ञानिक डॉ. पीटर बी. स्कॉट मॉर्गन खुद को Cyborg बना चुके हैं. उन्होंने यह फैसला तब लिया जब दो साल पहले उन्हें पता चला कि वे मोटर न्यूरॉन बीमारी से ग्रसित हैं. ये मांसपेशियों की गंभीर बीमारी है जिसमें मांसपेशियां धीरे-धीरे काम करना बंद कर देती हैं.

61 साल के डॉ. पीटर बी. स्कॉट मॉर्गन ने मौत के सामने झुकने के बजाय सोचा कि क्यों न विज्ञान की सभी सीमाओं को पार किया जाए. उन्होंने खुद को पूरी तरह से रोबोट बनाने के लिए विज्ञान को सौंप दिया है. वे चाहते हैं कि जब वे पूरी तरह से Cyborg बन जाएं तो लोग उन्हें पीटर 2.0 कहकर बुलाएं.

लगभग Cyborg बन चुके हैं डॉ. पीटर. बी. मॉर्गन स्कॉट

डॉ. पीटर बी. मॉर्गन स्कॉट दुनिया के पहले ऐसे व्यक्ति हैं जिनके शरीर के तीन हिस्से मैकेनिकल हो चुके हैं. यानी उनमें यंत्र लग चुके हैं. इसके लिए जून 2018 में कई ऑपरेशन हुए. पहला - गैस्ट्रोटोमी - यानी खाने की एक ट्यूब सीधे उनके पेट से जोड़ दी गई है, ताकि खाना सीधे उनके पेट में जाए. दूसरा - सिस्टोटोमी - ब्लैडर से कैथेटर जोड़ दिया गया है, ताकि उनके पेशाब साफ हो सके. तीसरा - कोलोस्टोमी - एक वैक्यूम क्लीनर जैसा वेस्ट बैग उनके कोलोन से जोड़ दिया गया है, ताकि उनके मल की सफाई हो सके. चौथा - फेफड़ों में सांस लेने के लिए सीधी नली लगी है.

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