टीपू सुल्तान जयंती समारोह में हिंसा, VHP नेता की मौत


मैसूर के शासक रहे टीपू सुल्तान की जयंती पर समारोह आयोजित करने को लेकर फैली हिंसा में विश्व हिंदू परिषद के एक नेता की मौत हो गई। पुलिसकर्मियों समेत कई अन्य घायल हो गए। 

पुलिस के अनुसार विहिप नेता और राज्य सरकार के पूर्व कर्मचारी कुटप्पा को पथराव के दौरान सिर में चोट लगी और उन्होंने मौके पर ही दम तोड़ दिया। यहां पास के एक इलाके में कुछ अज्ञात लोगों द्वारा की गई गोलीबारी में एक युवक घायल भी हो गया। पूरे कोडागू जिले में निषेधाज्ञा आदेश लागू कर दिए गए हैं। हालात को नियंत्रण में लाने के लिए अतिरिक्त बलों को इलाके में भेजा गया है। जयंती समारोहों के आयोजन के समर्थकों और विरोधियों के बीच संघर्ष छिड़ने के बाद सैकड़ों लोगों को तितर बितर करने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करने के साथ ही आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। 

राज्य सरकार द्वारा पहली बार टीपू सुल्तान की जयंती मनाए जाने के लिए राज्यभर में आयोजित समारोहों के बीच हिंसा भड़क उठी है। भाजपा ने इन समारोहों का बहिष्कार किया है क्योंकि कई संगठन टीपू को धार्मिक रूप से कट्टर मानते हैं। सरकार के इस फैसले के खिलाफ कुछ संगठनों ने कोडागू जिले में मंगलवार को बंद का आहवान किया है। इस बीच, गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि चामराजनगर और मैसूर जिलों से मादीकेरी के लिए अतिरिक्त बलों को भेजा गया है। उन्होंने साथ ही लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। 

भाजपा ने बहिष्कार किया 
भाजपा ने समारोहों का पूर्ण बहिष्कार घोषित किया है और उसका कहना है कि उनकी पार्टी से किसी स्तर पर कोई अधिकारी सरकारी समारोह में भाग नहीं लेगा। इसके साथ ही प्रदेश भाजपा अध्यक्ष प्रहलाद जोशी ने कहा है कि टीपू एक धर्मान्ध और कन्नड़ विरोधी था। कई संगठनों और लोगों ने भी दस नवंबर को टीपू सुल्तान जयंती मनाने के सरकार के कदम का विरोध किया है।
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