अब फाइटर प्लेन भी उड़ाएंगी महिलाएं : एयरचीफ मार्शल राहा

नई दिल्ली: देश में अब महिलाएं भी फाइटर पायलट बन सकेंगी । वायुसेना के तिरासीवें स्थापना दिवस समारोह में वायुसेना प्रमुख अरूप राहा ने यह घोषणा की। अब तक महिलाएं केवल परिवहन विमान और हेलिकॉप्टर ही उड़ाती थीं ।
गाजियाबाद के हिंडन एयरफोर्स स्टेशन पर आसमान में अपना लोहा मनवाते लड़ाकू विमान पुरुष पायलट उड़ाते हैं । लेकिन जल्द ही अब महिलाएं भी ऐसे जंगी जहाजों को उड़ाती हुई नजर आएंगी। वायुसेना अध्यक्ष एयर चीफ मार्शल अरूप राहा ने कहा कि 'अभी मामला रक्षा मंत्रालय में है। सरकार की ओर से जितनी जल्दी क्लियर हो जाएगा, उतनी ही जल्दी हो जाएगा। मुझे लगता है एक साल में हो जाएगा, फाइटर पायलट की ट्रेनिंग होते-होते कुल 3 साल लग जाएंगे।'

भारतीय वायुसेना में अभी कुल 1300 महिला अफसर हैं। इनमें से ज्यादातर ग्राउंड ड्यूटी ऑफिसर हैं। यानी जमीनी कामकाज से ही जुड़ी हैं। महिला अफसरों के क्षेत्र हैं प्रशासन, साजो-सामान, एकाउंट्स, मौसम विभाग, एयरोनॉटिकल, इलेक्ट्रिकल और मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अलावा नेविगेशन और शिक्षा। उधर वायुसेना में महिला पायलटों की कुल संख्या 110 है जो फिलहाल परिवहन विमान और हेलिकॉप्टर ही उड़ाती हैं।

वायुसेना प्रमुख ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि महिलाओं को दुश्मन की जमीन पर उतारने की जरूरत पड़ेगी, लेकिन एक बार फाइटर पायलट बन जाने पर भविष्य के रास्ते खुलते जाएंगे। अपने चीफ के एलान से सारंग हेलिकॉप्टर टीम की महिला पायलट काफी खुश हैं।


इस फैसले पर पहुंचने में वायुसेना को कई साल लग गए। पाकिस्तान समेत दुनिया के कई देश महिलाओं को फाइटर पायलट बनाने पर फैसला ले चुके हैं। देश में लगातार ऐसा माना जाता रहा कि शादी, गर्भावस्था, बच्चों की परवरिश, घरेलू कामकाज, रजोधर्म और पारिवारिक जीवन की जिम्मेदारियों के बीच महिलाएं फाइटर पायलट जैसे चुनौती भरे काम के साथ न्याय नहीं कर पाएंगी। यह देरी से लिया गया सही फैसला है और पुरुषों के आधिपत्य वाले इस क्षेत्र में महिलाओं का आना स्वागत योग्य है।
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