बिहार की चुनावी रैलियों में लालू, नीतीश पर बरसे मोदी

मुंगेर/बेगुसराय : 
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद पर आज तगड़ा हमला बोलते हुए कहा कि उनकी गौमांस खाने की टिप्पणी यदुवंशियों के लिए एक ‘‘गाली’’ और ‘‘घोर अपमान’’ की बात है। उन्होंने साथ ही बिहार के लोगों से महागठबंधन को नकारने की अपील करते हुए चेतावनी दी कि यह महागठबंधन ‘‘जंगल राज 2’’ लेकर आएगा। दादरी में कथित रूप से गौमांस खाने की अफवाहों पर एक व्यक्ति की पीट पीट कर हत्या कर दिए जाने के मामले में अपनी चुप्पी को लेकर चारों तरफ से आलोचना का शिकार होने वाले मोदी ने लालू की गौमांस संबंधी टिप्पणी पर उन्हें आड़े हाथ लिया। लालू ने कहा था कि उन्होंने ‘शैतान’ के प्रभाव में आकर गौमांस संबंधी टिप्पणी की थी। मोदी ने कटाक्ष करते हुए कहा, ‘‘मुझे हैरानी है कि शैतान को प्रवेश करने के लिए उनका (लालू) ही शरीर मिला। मैं जानना चाहता हूं कि शैतान को उनका (लालू का) पता कैसे मिला? शैतान को पूरे बिहार, भारत और पूरी दुनिया में उनको छोड़कर किसी और का शरीर नहीं मिला। और उन्होंने भी शैतान का ऐसे स्वागत किया जैसे कोई अपने रिश्तेदारों का करता है।’’
मुंगेर, बेगुसराय और समस्तीपुर में रैलियों को संबोधित करते हुए मोदी ने लालू की ‘‘हिंदू भी गौमांस खाते हैं’’ टिप्पणी को लेकर राजद प्रमुख की कड़ी मजम्मत की। प्रधानमंत्री ने कहा, ''वे सब क्या बोले जा रहे हैं। यादव सब क्या खाते हैं? लालू जिस भी मुकाम पर पहुंचे हैं, वह इन्हीं यदुवंशियों के कारण पहुंचे हैं और उन्होंने उनका अपमान किया है। आप उन्हें कैसी कैसी गालियां दे रहे हो? क्या यह यादवों और बिहार का अपमान नहीं है? यदुवंशियों को इतना अपमानित मत करें। लालूजी इन यदुवंशियों ने सत्ता तक पहुंचने में आपकी मदद की थी।’’
मोदी ने कहा कि लालू गौमांस संबंधी अपनी टिप्पणी से छुटकारा नहीं पा सकते। उन्होंने कहा, ‘‘बिहार के लोगों को पता लगाना होगा कि शैतान केवल लालू के पास ही क्यों आया? उनकी ऐसी क्या बुरी आदतें थीं जिनके कारण ऐसा हुआ। क्या बिहार में ऐसे लोगों के लिए हमारे पास जगह है?’’ उन्होंने कहा, ‘‘अभी तक हम इंसानों (राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी) से लड़ते आए हैं। अब एक शैतान एक मानव शरीर में प्रवेश कर गया है जो हमारे पीछे पड़ा है।’’
दादरी कांड के बाद विवादास्पद टिप्पणी करने वाले राजद प्रमुख ने तुरंत अपनी बात से पलटते हुए कहा था कि शायद किसी कमजोर क्षण में उनकी जुबान पर शैतान का कब्जा हो गया था। इस टिप्पणी ने महागठबंधन में बेचैनी फैला दी थी क्योंकि नेताओं का मानना था कि इससे भाजपा को अपने पक्ष में मतों का ध्रुवीकरण करने में मदद मिल सकती है। मुस्लिम-यादव जोड़ द्वारा समस्याएं पैदा करने की आशंकाओं के बीच भाजपा की अगुवाई वाली राजग समुदाय में राजद प्रमुख के प्रभाव को रोकना चाहता है।
गुजरात में भगवान कृष्ण के द्वारका से संबंध होने का जिक्र करते हुए मोदी ने लालू यादव को एक ऐसा नेता बताया जो ‘‘सच्ची यदुवंशी परंपरा’’ का पालन नहीं करता। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने न केवल यादवों को बल्कि बिहार में हर किसी को अपमानित किया है। मोदी ने कहा, ''मैं गुजरात की धरती से आता हूं। द्वारका भगवान कृष्ण की धरती है जहां लोग गायों की पूजा करते हैं। वे सफेद क्रांति लेकर आए। जहां तक यदुवंशियों की सच्ची परंपरा का पालन करने का सवाल है, इसका पालन वहां किया जाता है। और यहां नेता यदुवंशियों का इस प्रकार अपमान कर रहे हैं। ये उन्हें किस प्रकार की गालियां दे रहे हैं?’’ जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन को ‘‘महास्वार्थगठबंधन’’ करार देते हुए मोदी ने मतदाताओं से इसे नकारने को कहा। उन्होंने साथ ही कहा कि इन्होंने राज्य में 60 साल तक शासन किया और वे इसके पिछड़ेपन के लिए जिम्मेदार हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ''अब समय आ गया है कि लोग भाजपा के विकास राज के लिए वोट दें। यह चुनाव जंगल राज और विकास राज के बीच की जंग है।’’ मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के खिलाफ डीएनए संबंधी टिप्पणी के जरिए बिहार के लोगों का कथित अपमान करने को लेकर महागठबंधन के निशाने पर आए मोदी ने लालू की गौमांस संबंधी टिप्पणी को बार बार न केवल पूरे यादव समुदाय के लिए बल्कि पूरे बिहार के लिए अपमान के तौर पर पेश करने का प्रयास किया। मोदी ने साथ ही बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और लालू पर हमला करने के लिए आज जयप्रकाश नारायण की पुण्यतिथि के मौके को भी भुनाने का प्रयास किया। उन्होंने कहा कि जिन्होंने कभी समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण का जय गान गाया था उन्होंने अब उस कांग्रेस से हाथ मिला लिया जिसने आपातकाल के दौरान जेपी को जेल में बंद कराया था।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कांग्रेस अपनी खुद की प्रासंगिकता खोने के बाद जदयू और राजद से हाथ मिलाकर बिहार की राजनीति में ‘पिछले दरवाजे से’ घुसना चाहती है। उन्होंने लालू और नीतीश दोनों पर जेपी को लेकर उनकी प्रतिबद्धता पर सवाल किया जिन्होंने ताउम्र कांग्रेस के खिलाफ संघर्ष किया था। मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस ने आपातकाल लगाया और जेपी को जेल में डाला जहां वह बीमार पड़ गए और इस कारण उनका निधन हो गया...उसी कांग्रेस के साथ खड़े होकर वे अब भाजपा को गाली दे रहे हैं।’’ कांग्रेस ने राज्य में 35 साल, उसके बाद राजद ने 15 साल और जदयू ने दस साल राज किया।’’ प्रधानमंत्री ने कहा कि नीतीश जंगल राज के खात्मे के वादे के साथ सत्ता में आए थे। ‘‘अब उन्होंने जंगल राज 2 लाने के लिए लालू से हाथ मिला लिया है। इस बड़े भाई और छोटे भाई के बीच क्या रिश्ता है... बिहार को बर्बाद करने वाले तीन दल एक साथ आ गए हैं।’’ उन्होंने कहा कि भाजपा की रैलियों में दिख रही भारी भीड़ तीनों पार्टियों का सफाया कर देगी।
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत की आरक्षण नीति की समीक्षा संबंधी मांग को लेकर लगातार महागठबंधन का हमला झेल रहे मोदी ने बिहार के चुनाव को जाति मुद्दे से इतर लड़ाई के तौर पर पेश करने और युवाओं तक पहुंचने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘‘राजनीतिक पंडित बिहार को लेकर अपनी सोच बदलने पर मजबूर हो जाएंगे। पहली बार यह चुनाव जाति के विचारों से इतर लड़ा जाएगा। यह युवा और विकास के मुद्दे पर लड़ा जाएगा। यह अब मुख्य मुद्दे होंगे।’’ पिछले साल आम चुनाव में बिहार के युवा वर्ग ने भाजपा नेतृत्व वाले राजग के लिए बड़ी संख्या में वोट डाले थे जिसके कारण गठबंधन को बिहार में भारी जीत मिली और उसने राज्य की 40 में से 31 लोकसभा सीटों पर कब्जा किया। ऐसा माना जा रहा है कि अगर चुनाव में जाति का कारक हावी होता है तो इससे जदयू, राजद और कांग्रेस के महागठबंधन को फायदा होगा। इसलिए भाजपा मोदी को बदलाव के प्रतीक के तौर पर पेश कर युवाओं तक पहुंच रही है।
प्रसिद्ध हिन्दी कवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की तरफ इशारा करते हुए मोदी ने कहा कि बदलाव चाहने वाले बिहार के युवाओं ने उनके शब्दों ‘सिंहासन खाली करो, जनता आती है’ को गंभीरता से ले लिया है। मोदी ने कहा, ''जिन लोगों ने 60 सालों तक राज्य को बर्बाद किया क्या उन्हें फिर से सत्ता में आने की अनुमति दी जानी चाहिए? यदि राज्य में विकास और रोजगार सृजित करना है तो जंगल राज को बिहार में एक और मौका नहीं मिलना चाहिए।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आइए जयप्रकाश नारायण, श्रीकृष्ण सिंह (बिहार के पहले मुख्यमंत्री) और रामधारी सिंह दिनकर को याद करें और बिहार में विकास राज लाने की कसम खाएं।’’ मोदी ने कहा कि लालू आज भी वही डायलॉग बोल रहे हैं जो वे 15 साल पहले बोलते थे। एक ही अलग काम हुआ है कि वह अगले मोर्चे पर अपने दोनों बेटों को ले आए हैं। अपनी सरकार द्वारा केवल रइसों के हितों के लिए काम करने संबंधी विपक्ष की आलोचना को खारिज करते हुए मोदी ने कहा कि उनकी सरकार की योजनाएं गरीबों के उत्थान के लिए बनी हैं न कि अमीरों के लिए।
प्रधानमंत्री ने लालू के शासन में राज्य में अपराध दर की तरफ संकेत करते हुए कहा, ‘‘अपहरण एक उद्योग बन गया था। लोग उत्सवों के दौरान भी सूर्यास्त के बाद बाहर नहीं निकलते थे। कोई भी इस डर से नया वाहन नहीं खरीदता था कि उसे गुंडे छीन लेंगे।’’ प्रधानमंत्री ने साफ तौर पर नीतीश और लालू के साथ आने के बाद इस तरह की घटनाएं बढ़ने की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘‘बिहार सरकार के आंकड़े बताते हैं कि जनवरी और जुलाई के बीच अपहरण की 4,000 घटनाएं हुई हैं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप जंगलराज चाहते हैं या विकास.. युवा और जल बिहार की मुख्य संपदा हैं। लेकिन दोनों का ही दुरूपयोग किया गया और विकास के लिए इस्तेमाल नहीं किया गया, हमें एक मौका दीजिए और बड़ी संख्या में मतदान कीजिए। सुनिश्चित कीजिए कि कोई ‘शैतान’ वापस नहीं आए..बड़ी संख्या में वोट डालिए।’’ मोदी ने केंद्र द्वारा बिहार के लिए घोषित किए गए 1.65 लाख करोड़ रुपए के पैकेज की तरफ संकेत करते हुए राज्य सरकार पर इसके कार्यान्वयन में बाधाएं पैदा करने का आरोप लगाया और कहा, ‘‘लेकिन लोग ऐसा नहीं होने देंगे क्योंकि वे विकास चाहते हैं।’'

बाद में नवादा में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने दादरी कांड की ओर इशारा करते हुए कहा कि सद्भाव बना रहना चाहिए और इस मुद्दे पर राजनेता क्या कह रहे हैं इस पर ध्यान नहीं देना चाहिए बल्कि राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जो कहा है उस पर अमल करना चाहिए। गौरतलब है कि बुधवार को राष्ट्रपति ने कहा था कि भारतीय समाज के मूल्यों को गंवाना नहीं चाहिए।
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