कोलकाता: आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में डॉक्टर छात्रा के साथ हुए दुष्कर्म और हत्या के मामले में पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर विवाद गहराता जा रहा है। सीबीआई ने अब इस मामले में मरणोपरांत जांच की गुणवत्ता का आकलन करने के लिए पीड़िता के शव से पहले और बाद के पांच-पांच शवों के पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की मांग की है।
यह मामला नौ अगस्त 2024 को सामने आया, जब आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज के सेमिनार हॉल में डॉक्टर छात्रा का शव बरामद हुआ। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के अनुसार, पीड़िता के शरीर पर कई जगहों पर चोट के निशान थे, जिसमें सिर, चेहरा, होठ, नाक, जबड़ा, गला, बाएं हाथ, कंधे, घुटना, टखना और निजी अंग शामिल थे। रिपोर्ट में शारीरिक उत्पीड़न और गला घोंटकर हत्या का स्पष्ट उल्लेख किया गया। इसके अलावा, यौन उत्पीड़न के प्रमाण भी रिपोर्ट में दर्ज हैं।
घटना के बाद से ही पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट को लेकर लापरवाही के आरोप लगते रहे हैं। रिपोर्ट में गड़बड़ी और नमूनों की हेरफेर की आशंका ने इस मामले को और जटिल बना दिया है। इन विवादों की पृष्ठभूमि में सीबीआई ने पीड़िता के शव के पोस्टमॉर्टम की तुलना के लिए उसके आसपास के 10 अन्य पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की मांग की है।
सीबीआई द्वारा मांगी गई इन रिपोर्ट्स का इस्तेमाल यह जांचने के लिए किया जाएगा कि क्या पोस्टमॉर्टम में कोई जानबूझकर लापरवाही की गई या नमूनों के साथ किसी प्रकार की छेड़छाड़ हुई। साथ ही, अन्य शवों की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह भी आकलन किया जाएगा कि आर.जी. कर अस्पताल में इस प्रकार की प्रक्रियाओं में कोई सामान्य खामी है या नहीं। इसके अतिरिक्त, इन रिपोर्ट्स की तुलना अन्य अस्पतालों की रिपोर्ट्स से भी की जाएगी।
सीबीआई के निर्देश पर अस्पताल प्रशासन ने इन सभी 10 रिपोर्ट्स को तैयार करने का काम शुरू कर दिया है। इन्हें जल्द ही जांच एजेंसी को सौंपा जाएगा। यह देखा जाएगा कि पीड़िता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में कहीं कोई जानबूझकर गड़बड़ी की गई या नहीं।
डॉक्टर छात्रा के साथ हुए इस जघन्य अपराध ने पूरे राज्य को झकझोर दिया है। अब सीबीआई की जांच से यह स्पष्ट हो सकेगा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में आरोपों के पीछे सच्चाई क्या है और क्या कोई साजिश इस घटना के पीछे छिपी हुई है।
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