कोलकाता: मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक चुनावी रैली में इस्कॉन, रामकृष्ण मिशन, भारत सेवाश्रम संघ से संबद्ध संन्यासियों के एक वर्ग पर राजनीति करने का आरोप लगाया है. ममता की इस टिप्पणी को लेकर रविवार को भाजपा नेता दिलीप घोष ने मुख्यमंत्री पर निशाना साधा है.
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री का दिमाग खराब हो गया है. उन्हें समझ नहीं आ रहा कि क्या कहें? वह वोट पाने के लिए मौलवियों के साथ राजनीति कर सकती हैं, उनके साथ प्रार्थना कर सकती हैं. हमारे साधु-संतों को राजनीति करने की अनुमति क्यों नहीं है? आज हिन्दू समाज खतरे में है. हिंदू महिलाएं ख़तरे में हैं, इस बारे में वे कुछ नहीं कहती? संन्यासियों ने धर्म की रक्षा के लिए सब कुछ त्याग दिया है.
उन्होंने कहा, मुख्यमंत्री ने जिन संस्थानों का नाम लिया है वे राजनीति नहीं करते हैं. वे लोगों में आध्यात्मिकता फैलाते हैं और समाज सेवा करते हैं. उन्होंने देखा है, आयला से लेकर अम्फान तक, ये संत साधु पहले भी गए और लोगों की सेवा की. इसके उलट उनके (तृणमूल) कैडर पैसे ऐंठने के लिए गए थे. ऐसे संस्थानों को बदनाम करने का पाप उन्हें डुबो देगा.
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