केंद्रीय वित्त मंत्री सीतारमण ने पेश किया बजट, कहा- सबका विश्वास और सबके प्रयास के मंत्र से आगे बढ़े


नई दिल्ली: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को संसद के निचले सदन लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम केंद्रीय बजट पेश किया. निर्मला सीतारमण आज अपना छठा और मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश कर रही हैं.

वित्त मंत्री ने संसद में अपने बजट भाषण की शुरुआत में कहा कि हमारी सरकार ने सबका साथ-सबका विकास की धारणा को मजबूत किया है. सीतारमण ने जनता का आभार जताते हुए अपने बजट भाषण की शुरुआत की. उन्होंने कहा कि देश में नया उद्देश्य और उम्मीद जगी है. जनता ने हमें दूसरी बार सरकार में चुना. हमने व्यापक विकास की बात की. सबका साथ, सबका विश्वास और सबके प्रयास के मंत्र से आगे बढ़े.

सीतारमण ने कहा देश की जनता भविष्य की ओर देख रहे हैं. वे आशान्वित हैं. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में हम आगे बढ़ रहे हैं. सीतारमण ने कहा कि जब मोदी ने 2014 में काम शुरू किया तब बहुत ज्यादा चुनौतियां थीं. हमने जनता के हित में काम शुरू किए, जनता को ज्यादा से ज्यादा रोजगार के अवसर दिए.

इससे पहले केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण, राज्य मंत्री डॉ भागवत किशनराव कराड, पंकज चौधरी और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने केंद्रीय बजट 2024 पेश करने से पहले राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की.

करदाताओं को कोई राहत नहीं, 3 लाख रुपये की आय ही रहेगी टैक्स फ्री

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को लोकसभा में वित्त वर्ष 2024-25 का अंतरिम केंद्रीय बजट पेश किया. वित्त मंत्री ने अंतरिम बजट में आम आयकर दाताओं को इनकम टैक्स में कोई राहत नहीं दी है.

करदाताओं को पुरानी टैक्स रिजीम चुनने पर 2.5 लाख रुपये तक की इनकम ही टैक्स फ्री रहेगी. हालांकि, इनकम टैक्स एक्ट सेक्शन 87ए के तहत 5 लाख रुपये तक की इनकम पर आप टैक्स बचा सकते हैं. वहीं, नई टैक्स रिजीम चुनने पर पहले की तरह 3 लाख रुपये तक की इनकम पर टैक्स नहीं देना होगा. इसमें भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 87A के तहत नौकरी करने वाले 7.5 लाख रुपये तक की इनकम पर और अन्य लोग सात लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट पा सकते हैं.

संसद में अंतरिम बजट पेश करते हुए सीतारमण ने कहा कि जुलाई में पूर्ण बजट में हमारी सरकार विकसित भारत के लक्ष्य का विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत करेगी. इससे पहले वित्त मंत्री ने संसद में अपने बजट भाषण की शुरुआत में कहा कि हमारी सरकार ने सबका साथ-सबका विकास की धारणा को मजबूत किया है.

राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान: वित्त मंत्री

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने राजकोषीय घाटा, सकल घरेलू उत्पाद के 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त किया है. पिछले वित्त वर्ष में 5.8 प्रतिशत था.

राजकोषीय घाटा एक वित्त वर्ष में सरकार के कुल राजस्व (आय) और कुल व्यय के बीच का अंतर होता है. घाटा होने का कारण है कि सरकार अपनी कमाई से अधिक खर्च करती है.

वित्त मंत्री सीतारमण ने लोकसभा में बजट पेश करते हुए कहा कि 2021-22 में अपने बजट भाषण में 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को 4.5 प्रतिशत से कम लाने की घोषणा के अनुरूप ही राजकोषीय समेकन की राह पर आगे बढ़ रहे हैं. उसी राह पर चलते हुए 2024-25 का राजकोषीय घाटा जीडीपी का 5.1 प्रतिशत रहने का अनुमान है.

वित्त मंत्री ने बताया कि सरकार की कुल उधारी में कमी आई है. कुल व्यय (संशोधित) 44.90 लाख करोड़ रहा. उधार को छोड़ कर कुल आय 27.56 लाख करोड़ रही. इसमें वित्त वर्ष 23-24 के लिए कर से आय 23.24 लाख करोड़ है. वित्त वर्ष 24-25 के लिए सकल बाजार उधार 14.13 लाख करोड़ अनुमानित है.

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