Republic Day Jhanki : गणतंत्र दिवस की झांकियों में रामलला ने मोह लिया मन


Republic Day Jhanki : गणतंत्र दिवस समारोह के दौरान कर्तव्य पथ का नजारा आज अलग ही था. अलग-अलग राज्यों की झांकियों ने वहां मौजूद लोगों का ही नहीं बल्कि पूरे देश का मन मोह लिया. जिन लोगों ने टीवी पर इन झाकियों को देखा, वह भी खुद को गर्वांतित महसूस कर रहा था.इन झाकियों में उत्तर प्रदेश की झांकी आकर्षण का मुख्य केंद्र रही. अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर की थीम पर उत्तर प्रदेश की झांकी कर्तव्य पथ पर पूरी शान के साथ उतरी. वहीं मेघालय, गुजरात, मध्य प्रदेश की झांकियों ने भी मन मोह लिया.

गणतंत्र दिवस पर उत्तर प्रदेश की झांकी आकर्षण का मुख्य केंद्र रही. अयोध्या के राम मंदिर की थीम पर बनी इस झांकी में पांच साल के रामलला को हाथों में धनुष लिए दर्शाया गया. झांकी पर ऋषि-मुनियों के साथ सनातन परंपरा का अद्भुद नजारा देखने को मिला. इसरो की झांकी बेहद आकर्षक रही और इसमें चंद्रयान-3, आदित्य एल-1 को प्रमुखता दी गई. झांकी में इसरो के विभिन्न मिशनों में महिला वैज्ञानिकों की भागीदारी को भी प्रदर्शित किया गया. इसरो अगले वर्ष भारत की पहली मानव अंतरिक्ष उड़ान को अंजाम देने की योजना बना रहा है.

मध्य प्रदेश की झांकी में राज्य की आत्मनिर्भर और प्रगतिशील महिलाओं की यात्रा को दर्शाया गया. झांकी के माध्यम से संदेश दिया गया कि राज्य ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं के माध्यम से महिलाओं को सीधे विकास प्रक्रिया में शामिल करने में उल्लेखनीय सफलता हासिल की है. झांकी के अगले हिस्से में भारतीय वायु सेना की पहली महिला फाइटर पायलट मध्य प्रदेश के रीवा जिले की अवनी चतुर्वेदी को दिखाया गया.

मेघालय की झांकी में राज्य के चेरी ब्लॉसम के फूलों का मनमोहक नजारा देखने को मिला. धीरे-धीरे लहराते फूलों से सजे चेरी ब्लॉसम के पेड़ मंत्रमुग्ध कर देने वाला दृश्य पैदा करते हैं. कोमल पंखुड़ियां जमीन पर शांति और सुंदरता का एहसास कराती हैं.  झांकी डावकी में उमंगोट नदी के किनारे मीठे पानी के एक स्कूबा डाइविंग स्थल को भी दर्शा रही थी.

तेलंगाना की झांकी में उन आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों की विरासत के प्रति सम्मान को दर्शाया गया जो भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान मार्गदर्शक बनकर सामने आए थे. झांकी में कोमाराम भीम, रामजी गोंड और चित्याललम्मा (चकलिल्लम्मा) जैसे नेताओं के वीरतापूर्ण प्रयासों की झलक दिखाई गई, जिनकी अदम्य भावनाएं इस क्षेत्र की लोककथाओं का अभिन्न हिस्सा बन गई हैं.

भारत के पश्चिमी सिरे पर स्थित कच्छ के रण का प्रवेश द्वार धोर्डो गुजरात की झांकी का मुख्य आकर्षण रहा. धोर्डो ने पिछले साल संयुक्त राष्ट्र की सर्वश्रेष्ठ गांवों की सूची में जगह बनाई थी. झांकी ने इस सीमावर्ती गांव को गुजरात के पर्यटन विकास के वैश्विक प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया.

छत्तीसगढ़ की झांकी में राज्य के बस्तर क्षेत्र में सामुदायिक स्तर पर निर्णय लेने की 600 साल पुरानी आदिवासी परंपरा ‘मुरिया दरबार' को दर्शाया गया. ‘मुरिया दरबार' प्राचीन काल से आदिवासी समुदायों में मौजूद लोकतांत्रिक चेतना और पारंपरिक लोकतांत्रिक मूल्यों को प्रतिबिंबित करता है और साथ ही भारत में लोकतंत्र की उत्पत्ति और विकास की कहानी भी प्रस्तुत करता है.

लद्दाख की झांकी ने महिला सशक्तीकरण के साथ ही इस केंद्र शासित प्रदेश की प्रगति की यात्रा की एक मनमोहक झलक पेश की. झांकी के ट्रैक्टर वाले हिस्से में लड़कियों को बर्फ में आइस हॉकी खेलते हुए दिखाया गया, जो केंद्र शासित प्रदेश में महिला सशक्तीकरण की यात्रा को दर्शाता है. 

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