हार का गुस्सा संसद में न निकालें : पीएम मोदी


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र से पहले मीडिया से बात की है. उन्होंने चार राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम को लेकर महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा है कि देश ने नकारात्मकता को नकार दिया है. विपक्ष की हार पर तंज कसते हुए पीएम ने कहा कि जो लोग हारे हुए हैं वे संसद में अपनी हार का ग़ुस्सा न निकालें. इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष के महत्व को भी रेखांकित किया. पीएम मोदी ने कहा कि लोकतंत्र में पक्ष और विपक्ष दोनों बराबर महत्वपूर्ण हैं. उन्होंने राजनैतिक विश्लेषकों से इस चुनाव परिणाम को सकारात्मक तौर पर देश के सामने पेश करने की भी अपील की है.

प्रधानमंत्री ने तीन राज्यों में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की जीत के बाद कहा कि कुछ लोग इसे सत्ता समर्थक, सुशासन या पारदर्शिता कहते हैं, देश में यह देखा जा रहा है. देश ने नकारात्मकता को नकार दिया है, लोगों की आकांक्षाओं को मजबूत करने के लिए लोकतंत्र का मंदिर महत्वपूर्ण मंच है. मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे तैयारी के साथ आएं और संसद में पेश विधेयकों पर गहन चर्चा करें.

पीएम मोदी ने कहा कि देश में ठंड धीमी गति से बढ़ रही है, लेकिन राजनीतिक गर्मी तेजी से बढ़ रही है. चार राज्‍यों के विधानसभा चुनाव के परिणाम उत्‍साह बढ़ाने वाले हैं. ये देश के भविष्‍य को सुनिश्चित करने वाले परिणाम हैं. उत्‍तम जनादेश के बाद संसद के मंदिर में मिल रहे हैं. मेरी सभी सांसदों से अपील है कि सकारात्‍मक विचार लेकर संसद में आइए. बाहर की पराजय का गुस्‍सा संसद में लेकर मत आइएगा. लोकतंत्र के मंदिर को मंच मत बनाइए. देश को सकारात्‍मकता का संदेश दें. "

पीएम मोदी ने खासतौर पर अपील करते हुए कहा, "मैं सभी सदस्यों से अनुरोध करता हूं कि वे तैयारी के साथ आएं और संसद में पेश विधेयकों पर गहन चर्चा करें. विधानसभा चुनावों के नतीजे लोगों के कल्याण, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रतिबद्ध लोगों का उत्साहवर्द्धन करने वाले हैं. जो लोग महिलाओं, युवाओं, किसानों, गरीबों की चार ‘जातियों' के सशक्तीकरण के सिद्धांत पर चलते हैं उन्हें जबरदस्त समर्थन मिलता है. जब जनकल्याण के लिए प्रतिबद्धता हो तो सत्ता विरोधी शब्द अप्रासंगिक हो जाता है."

पीएम मोदी ने विपक्ष को नसीहत देते हुए कहा कि ये उनके लिए गोल्डन अवसर है. सत्र में विधानसभा चुनाव में पराजय का गुस्सा निकालने की योजना बनाने के बजाए पिछले पराजय से सीखकर 9 साल की नकारात्मकता की प्रवृति को छोड़कर इस सत्र में सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ेंगे तो देश का उनके प्रति देखने का दृष्टिकोण बदलेगा.

पीएम मोदी ने विपक्ष को निशाने पर लेते हुए कहा कि विरोध के बदले विरोध का तरीका छोड़िए. कमियों को गिनाएं. उन्होंने कहा कि आपसे करबद्ध प्रार्थन करता हूं कि सदन में सहयोग दीजिए. इससे आपका भी भला होगा. उन्होंने कहा कि इससे देश को सकारात्मकता का संदेश आपकी छवि को बदलेगी. पीएम मोदी ने कहा कि सकारात्मक विचार लेकर आइए हम 10 कदम चलेंगे तो आप 12 कदम चलिए. बाहर ही हार का गुस्सा सदन में मत उतारना, हताशा, निराश होती है लेकिन दम दिखाने के लिए कुछ करना होगा.

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