Chandrayaan-3 Location: चंद्रयान-3 चांद की कक्षा में प्रवेश करने के एक दिन बाद इसके और नजदीक पहुंच गया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने तस्वीर साझा करते हुए बताया कि उसकी यह कवायद सफलतापूर्वक पूरी कर ली गई और इस तरह की अगली कवायद 9 अगस्त को की जाएगी.
इसरो ने चंद्रयान-3 द्वारा चांद की क्लिक की गई पहली तस्वीर को साझा किया है. चांद की कक्षा में पहुंचने के बाद चंद्रयान ने चंद्रमा की सतह की तस्वीर को भेजा है. अंतरिक्ष की गहराइयों पर नजर रखने वाले लोग पल-पल चंद्रयान-3 के सफर पर नजर रख रहे हुए हैं.
बेंगलुरु स्थित इसरो कार्यालय में टेलिमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क (ISTRAC) लगातार चंद्रयान की गति, स्थिति और दिशा पर नजर रख रहा है. चंद्रयान-3 फिलहाल चंद्रमा की कक्षा में है और यह धीरे-धीरे चांद के करीब पहुंच रहा है.
लॉन्च के बाद चंद्रयान-3 ने दो तिहाई रास्ते को पूरा कर लिया है और सफलतापूर्वक चंद्रमा की कक्षा में पहुंच गया है. अब हर किसी की नजर इसपर टिकी है कि क्या यह सफलतापूर्वक लैंड कर सकेगा.
23 अगस्त को होगी चंद्रयान की लैंडिंग
इसरो ने बताया कि चंद्रयान-3 को चांद पर लैंडिंग से पहले 17 अगस्त तक तीन और अभियान प्रक्रियाओं से गुजरना होगा, जिसके बाद लैंडिंग मॉड्यूल ‘प्रपल्शन मॉड्यूल’ से अलग हो जाएगा. इसके बाद, लैंडर पर ‘डी-आर्बिटिंग’ कवायद की जाएगी.
चंद्रमा की सतह पर उतरने से पहले लैंडर पर ‘डी-ऑर्बिटिंग’ कवायद को अंजाम दिया जाएगा और फिर चंद्रयान-3 23 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का प्रयास करेगा.
14 जुलाई को लॉन्च किया गया था चंद्रयान
बता दें कि चंद्रयान-3 (Chandrayaan-3) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से 14 जुलाई को दोपहर 2.35 बजे लॉन्च किया गया था. इसके बाद से ही इसरो के वैज्ञानिक लगातार चंद्रयान-3 की एक-एक गतिविधि पर नजर बनाए हुए हैं.
बता दें कि भारत दुनिया का चौथा देश है जिसने चांद की सतह पर अपना स्पेसक्राफ्ट लैंड कराने में सफलता हासिल की है. इससे पहले अमेरिका, चीन और रूस यह कर चुका है. लैंड करने के बाद चंद्रयान-3 तकरीबन एक लूनर दिवस तक यहां रहेगा.
एक लूनर दिवस धरती पर 14 दिन के बराबर होता है. बता दें कि चंद्रयान-3 मिशन के लिए 250 करोड़ रुपए के कुल खर्च की अनुमति दी गई है.
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