द केरल स्टोरी के मामले पर पश्चिम बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है. पश्चिम बंगाल सरकार का कहना है कि इस फिल्में में हेट स्पीच के अलावा तथ्यों के साथ हेरफेर किया गया है. इसकी वजह से राज्य में सांप्रदायिक वैमनस्य और कानून व्यवस्था का मुद्दा खड़ा हो सकता है. जिसकी जानकारी राज्य की खुफिया तंत्र द्वारा दी गई.
पश्चिम बंगाल सरकार ने द केरल स्टोरी फिल्म की स्क्रीनिंग पर रोक लगाए जाने का बचाव करते हुए कहा है कि फिल्म की स्क्रीनिंग से चरमपंथी समूहों के बीच झड़प होने की आशंका है. ऐसे में घृणा और हिंसा की किसी भी घटना से बचने के लिए राज्य में विवादास्पद फिल्म पर प्रतिबंध लगाने का का फैसला किया गया. राज्य सरकार का कहना है कि फिल्म पर प्रतिबंध खुफिया सूचनाओं के आधार पर लिया गया एक नीतिगत फैसला है. इसके प्रतिबंध से याचिकाकर्ताओं के मौलिक अधिकारों का उल्लंघन नहीं हुआ है और याचिकाकर्ता द्वारा वित्तीय नुकसान को मौलिक अधिकारों के उल्लंघन के रूप में नहीं बताया जा सकता.
इस मामले मे तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट मे हलफनामा दाखिल कर कहा है कि फिल्म द केरल स्टोरी की रिलीज पर राज्य सरकार ने कोई रोक नहीं लगाया गया है. राज्य में फिल्म दिखाने जाने पर रोक जैसे हालात की फिल्म निर्माता द्वारा दी गई दलील गलत है. तमिलनाडु सरकार का कहना है कि 5 मई को यह फिल्म 19 मल्टीप्लेक्स में रिलीज हुई लेकिन फिल्म में दर्शकों की संख्या मे कमी के चलते सिनेमाघर मालिकों ने खुद ही फिल्म की स्क्रीनिंग को बंद करने का फैसला लिया है.
राज्य में फिल्म की स्क्रीनिंग करने वाले सभी सिनेमाघरों के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. इसके लिए पुलिस महानिदेशक ने राज्य के सभी पुलिस आयुक्तों और जिला पुलिस अधीक्षकों को फिल्म दिखाने वाले सभी सिनेमा हॉल और फिल्म देखने आने वालों को पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के निर्देश दिए थे. राज्य में इसके लिए 965 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे. साथ ही फिल्म की स्क्रीनिंग करने वाले 21 थिएटरों की सुरक्षा के लिए 21 डीएसपी तैनात किए गए थे.
राज्य सरकार का कहना है कि दुर्भावना से प्रेरित और प्रचार पाने के लिए याचिकाकर्ताओं ने तमिलनाडु सरकार के खिलाफ झूठे और भ्रामक आरोप लगाए हैं. तमिलनाडु सरकार ने कहा है कि निर्माता ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर अनुचित लाभ लेने की कोशिश की है. इसलिए फिल्म निर्माता की याचिका खारिज की जानी चाहिए.
केरल स्टोरी पर पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु में रोक के खिलाफ फिल्म के निर्माता ने भी सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है. 12 मई को इस याचिका पर सुनवाई करते हुए पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार को नोटिस जारी किया था. सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पश्चिम बंगाल और तमिलनाडु सरकार से पूछा था कि जब पूरे देश में फिल्म चल रही है तो आपके राज्य में क्यों रोका जा रहा है.
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