अफगानिस्तान में पाकिस्तान का असली चेहरा सामने आने के बाद अमेरिका को भी सबक मिल गया है। अब वह अलकायदा और इस्लामिक स्टेट-खुरासान जैसे संगठनों पर कार्रवाई के लिए पाकिस्तान पर दबाव बना रहा है। पिछले दिनों अमेरिका और पाकिस्तान के राजनयिक स्तर पर हुई वार्ता को अमेरिकी पत्रिका पोलिटिको ने लीक किया है। पोलिटिको की इस रिपोर्ट को आधार बनाकर डान अखबार ने खबर दी है।
राजनयिक स्तर की हुई वार्ता के संबंध में बताया गया है कि अमेरिका अब खूंखार आतंकी संगठनों को लेकर पाकिस्तान पर पूरा दबाव बना रहा है। अमेरिका चाहता है कि पाकिस्तान अपने तालिबान से संबंधों के चलते इस्लामिक स्टेट-खुरासान और अलकायदा पर कार्रवाई के लिए कार्य करे। इसके लिए वह तालिबान की मदद ले। खबर के अनुसार अमेरिकी अधिकारी चाहते हैं कि पाकिस्तान एक तरफा चीन के प्रभाव में न आए। वर्तमान में पाकिस्तान अफगानिस्तान के मामले में चीन का प्रमुख सहयोगी देश बना हुआ है।
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका पाकिस्तान को एक ऐसे देश के तौर पर देखता है जिसका तालिबान के साथ संबंध है और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में यह मददगार साबित हो सकता है। इसके साथ ही पाकिस्तान एक परमाणु हथियार संपन्न देश भी है। गौरतलब है कि चीन पाकिस्तान का करीबी सहयोगी देश है और अफगानिस्तान में बदल रहे हालात में वह पाकिस्तान के साथ समन्वय में काम कर रहा है।
अफगानिस्तान में विदेशी बलों के साथ दो दशक लंबे युद्ध के बाद तालिबान ने 15 अगस्त को देश पर कब्जा जमा लिया था। अफगान राष्ट्रपति अशरफ गनी को देश छोड़कर संयुक्त अरब अमीरात जाने के लिए मजबूर होना पड़ा। अमेरिकी सैनिकों की वापसी की घोषणा के बाद तालिबान विद्रोहियों ने पूरे अफगानिस्तान में धावा बोल दिया और कुछ ही दिनों में सभी प्रमुख शहरों पर अपना कब्जा कर लिया।
वहीं, बुधवार को, अमेरिका के राजनीतिक मामलों के राज्य के अवर सचिव विक्टोरिया नुलैंड ने पाकिस्तान को उन देशों की सूची में शामिल किया, जिन्होंने अफगानिस्तान से नागरिकों की निकासी में अमेरिकी प्रयासों का समर्थन किया।।
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