लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सोमवार से शुरू हो रहे संसद के मानसून सत्र से पहले विभिन्न दलों के नेताओं के साथ बैठक की। बैठक के बाद लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि संसद का मानसून सत्र 19 जुलाई से 13 अगस्त तक चलेगा जिसमें कुल 19 बैठकें होंगी। संसद की कार्यवाही के दौरान कोरोना नियमों का पालन होगा। मेरी सभी पार्टियों के साथ चर्चा हुई। संसद में विभिन्न मुद्दों पर सार्थक और सकारात्मक चर्चा होनी चाहिए। इस सत्र में छोटे दलों को भी पर्याप्त समय दिया जाएगा.
इससे पहले संसद परिसर में पीएम मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में पीएम मोदी ने संसद के कामकाज के सुचारू संचालन और उक्त कानूनों को पारित कराने के लिए सभी दलों से सहयोग मांगा। संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने बताया कि इस सत्र के दौरान सरकार की ओर से कुल 31 विधेयकों पर चर्चा कराए जाने की संभावना है। सरकार ने 29 विधेयक लाने का प्रस्ताव किया है। इसमें छह अध्यादेश हैं जो बजट सत्र के बाद पारित किए गए थे जबकि वित्त से संबंधित दो विधेयक हैं।
समाचार एजेंसी पीटीआइ के मुताबिक सर्वदलीय बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि सरकार संसद में विभिन्न मुद्दों पर स्वस्थ और सार्थक चर्चा को तैयार है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा- सभी मसलों पर लोकतांत्रिक तरीके से चर्चा की जानी चाहिए और सभी दलों को सदन चलाने में सहयोग करना चाहिए। प्रधानमंत्री ने कहा कि विपक्ष के सुझाव मूल्यवान हैं क्योंकि वे चर्चा को समृद्ध बनाते हैं। इस बैठक में राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष अधीर रंजन चौधरी ने भी हिस्सा लिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन यानी राजग के नेताओं के साथ भी बैठक की। बैठक में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी मौजूद थे। राजग के घटक दलों के नेताओं में अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल, जदयू के नेता राम नाथ ठाकुर, अन्नाद्रमुक के नेता ए नवनीतकृष्णन, आरपीआई के नेता रामदास आठवले और लोजपा के नेता पशुपति पारस शामिल थे। एनडीए नेताओं की यह बैठक सदन की रणनीति को अंतिम रूप देने के लिए बुलाई गई थी।
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