देश में बच्चों पर कोवैक्सीन के ट्रायल के लिए दूसरी डोज देने की प्रक्रिया अगले सप्ताह होगी पूरी

कोरोना की तीसरी लहर आने की आशंका के बीच बच्चों पर कोवैक्सीन के ट्रायल की प्रक्रिया तेजी से आगे ब़़ढ रही है। इसी क्रम में एम्स में ट्रायल में हिस्सा लेने वाले छह से 12 साल की उम्र के बच्चों को भी टीके की दूसरी डोज दे दी गई है। अगले सप्ताह दो से छह साल की उम्र के बच्चों को भी टीके की दूसरी डोज दे दी जाएगी। तब ट्रायल में हिस्सा लेने वाले सभी बच्चों को दूसरी डोज देने की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी। लिहाजा अगले माह के अंत तक अंतरिम रिपोर्ट आने की उम्मीद है, जिससे स्पष्ट हो सकेगा कि टीका बच्चों के लिए कितना सुरक्षित है।

हालांकि, अब तक के ट्रायल में टीके का खास दुष्प्रभाव नहीं आने की बात कही जा रही है। उल्लेखनीय है कि देश के छह अस्पतालों में 525 बच्चों पर यह क्लीनिकल ट्रायल चल रहा है। इसके तहत बच्चों को उम्र के अनुसार तीन वर्गों में बांट कर यह ट्रायल किया जा रहा है। हर उम्र वर्ग के 175 बच्चे ट्रायल में शामिल किए गए हैं। इसके तहत सबसे पहले 12 से 18 साल की उम्र के बच्चों को टीका दिया गया। इसके बाद छह से 12 साल के बच्चों को टीका लगा। दो से छह साल की उम्र के बच्चों को भी टीके की पहली डोज दी जा चुकी है। अब उन्हें सिर्फ दूसरी डोज देने का काम बाकी है।

12-18 साल के बच्चों पर कोवैक्सीन का ट्रायल पूरा होने के करीब

जायडस कैडिला (Zydus Cadila) की वैक्सीन को लेकर केंद्र सरकार की ओर से दिल्ली हाई कोर्ट में अहम जानकारी दी गई। शुक्रवार को केंद्र सरकार ने दिल्ली हाई कोर्ट में दायर अपने हलफनामे में कहा है कि 12 से 18 आयु वर्ग के लिए परीक्षण पूरा होने के करीब है। वहीं, दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि कोवैक्सीन के परीक्षणों को पूरा होने दें, यदि संपूर्ण परीक्षणों के बिना बच्चों को टीके लगाए जाते हैं तो यह खतरनाक होगा। बता दें कि यह वैक्सीन 12-18 साल की आयुवर्ग को लगनी है।

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