आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में लोग सबसे ज्यादा अपने स्वास्थ्य को लेकर अनभिज्ञ हैं। स्वस्थ शरीर ही स्वस्थ जीवन का आधार है। इस बात को हवा में उड़ा दिया गया है। इसके ऊपर हर वक्त व्यस्त रहने के कारण अधिकतर लोग बर्गर, पिज्जा जैसे तले-भुने जंक या फास्ट फूड पर निर्भर हो गए हैं, जो कि सेहत के लिए काफी घातक है।
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे का इतिहास
इस दिन को मनाए जाने की घोषणा दिसंबर 2018 में संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा खाद्य और कृषि संगठन के सहयोग से की गयी थी। यह खानपान से होने वाली बीमारियों के संबंध में दुनिया पर पड़ने वाले बोझ को पहचानने के लिए था। विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं खाद्य और कृषि संगठन इस क्षेत्र से संबंधित अन्य संगठनों के सहयोग से विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस मनाने के लिए मिलकर काम करते हैं। WHO के अनुसार, दुनिया में दस में से एक व्यक्ति खराब भोजन का सेवन करने से बीमार पड़ जाता है जो हेल्थ के लिए खतरा है और इस ओर ध्यान देने की खास जरूरत है।
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे का उद्देश्य
हर साल 7 जून के वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे मनाया जाता है। इसका उद्देश्य लोगों को पौष्टिक खाद्य पदार्थों के प्रति जागरूक करना है।
वर्ल्ड फूड सेफ्टी डे 2021 की थीम
इस साल इस दिवस की थीम 'स्वस्थ कल के लिए आज सुरक्षित भोजन' है।
हाल के दिनों में लोगों के रहन-सहन और खान-पान पर बड़ा असर देखा जा रहा है। शारीरिक श्रम कम हो रहा है और बाजारों से लेकर घर तक में जंक फूड का चलन बढ़ रहा है। ये खाद्य पदार्थ रेडी टू ईट होते हैं या जल्दी बन जाते हैं इसलिए लोग तेजी से इसका इस्तेमाल करते हैं।
वर्ल्ड वॉच की स्टडी के अनुसार, भारत में फास्ट फूड उद्योग में हर साल 40 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो रही है। यही नहीं भारत दुनिया में फास्ट फूड के सेवन में दस शीर्ष देशों में शामिल हो गया है।
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