Budget Session 2021 LIVE: किसानों के मुद्दे पर सरकार और विपक्ष में सहमति, संसद में 15 घंटे होगी चर्चा

राज्यसभा की कार्यवाही शुरू हो गई है। बजट सत्र के तीसरे दिन किसानों के मुद्दे पर विपक्ष के हंगामें के पूरे आसार है। कांग्रेस के सांसद गुलाम नबी आज़ाद और आनंद शर्मा ने राज्यसभा में चल रहे किसान आंदोलन पर सस्पेंशन ऑफ बिजनेस नोटिस दिया है। तो वहीं, कांग्रेस सांसद राजीव सातव ने तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर राज्यसभा में शून्यकाल नोटिस दिया।

मंगलवार को किसानों के समर्थन में विपक्षी दलों ने संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा करते हुए कार्यवाही नहीं चलने दी। तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग करते हुए विपक्षी दलों ने दोनों सदनों में तत्काल बहस की मांग करते हुए सरकार को घेरा। वहीं सरकार ने विपक्ष पर संसद की कार्यवाही में बाधा डालने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह किसानों के मसले पर चर्चा के लिए हमेशा तैयार है। हंगामे के बीच कृषिष मंत्री नरेंद्र तोमर ने लोकसभा में कहा कि सरकार किसानों से बात करती रही है। हम आगे भी संसद के भीतर और बाहर चर्चा के लिए तैयार हैं।

संसद के पहले कार्य दिवस पर विपक्ष ने किसानों के मामले को लेकर एकजुटता दिखाई। दोनों सदनों में कार्यस्थगन प्रस्ताव के नोटिस के सहारे तत्काल चर्चा की मांग की। मगर सदन के अंदर इसे खारिज कर दिया गया। लोकसभा की कार्यवाही शाम चार बजे शुरू होते ही कांग्रेस के साथ तृणमूल, वामदल, द्रमुक, शिवसेना, एनसीपी, सपा आदि दलों के सांसद वेल में जाकर कृषिष कानूनों को काला कानून बताते हुए उन्हें निरस्त करने की मांग करने लगे। हंगामे के साथ उन्होंने नारेबाजी भी शुरू कर दी।

हंगामे और नारेबाजी के बीच कृषिष मंत्री नरेंद्र तोमर ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि सरकार किसानों के मुद्दे पर चर्चा को तैयार है। कोरोना काल में सत्र बुलाने की चुनौतियों का हवाला देते हुए तोमर ने कहा कि इस अवसर का उपयोग किया जाना चाहिए न कि सदन में बाधा डालनी चाहिए। कृषि मंत्री ने कहा कि सरकार किसानों से बात करती रही है। आगे भी चर्चा जारी रहेगी। सदन के बाहर और भीतर किसानों के मसले पर चर्चा में सरकार को कोई दिक्कत नहीं है। तोमर के आश्वासन के बावजूद हंगामा नहीं थमा तो सदन दो घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।

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