कोरोना के खतरे और नक्सलियों के डर के बावजूद पहले चरण की 71 सीटों पर बुधवार को मतदाताओं ने जिस उत्साह का प्रदर्शन किया, उसकी कल्पना भी नहीं की गई थी। नक्सली प्रभावित इलाकों में बेशक सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध थे, फिर भी जंगलों-पहाड़ियों से घिरे बूथों पर जाकर वोट डालना कम खतरनाक नहीं था। ऐसे में मतदाताओं के जज्बे को दाद देनी होगी कि लोकतंत्र की हिफाजत के लिए किसी अवरोध को नहीं माना। बेखौफ घरों से निकले और जमकर वोट डाले। चौतरफा खतरों के बावजूद 53.54 फीसद मतदान को कम नहीं कहा जा सकता है। यह इस मायने में भी उल्लेखनीय है कि 2010 के विधानसभा चुनाव की तुलना में अबकी ज्यादा वोट पड़े।
मगध और शाहाबाद के की 35 सीटें थी संवेदनशील
निर्वाचन आयोग ने पहले चरण में मगध और शाहाबाद इलाके की 71 सीटों में से 35 को संवेदनशील माना था। इनमें चार सीटें अति संवेदनशील थीं, जहां खतरे बड़े थे, मगर युवाओं और महिलाओं के हौसले उससे भी बड़े नजर आए। उत्साहित वोटरों की हिम्मत ने वोट तंत्र के जरिए सियासत में सकारात्मक बदलाव की ओर कदम बढ़ा दिए हैं।
ज्यादा रही आधी आबादी और युवाओं की भागीदारी
आधी आबादी और युवाओं की भागीदारी सबसे ज्यादा रही। सासाराम, औरंगाबाद और गया जिलों का मतदान प्रतिशत बता रहा है कि महिलाएं और युवा किसी से कम नहीं हैं। गांवों की बूथों पर भी आधी आबादी की लंबी-लंबी कतारें देखी गईं। सुबह से ही उत्साह दिख रहा था। युवाओं के जत्थे भी मतदान केंद्रों तक उमड़ रहे थे।
आठ मंत्री मैदान में, देश भर की नजर
पहले चरण में आठ मंत्री मैदान में थे। इसके अलावा कई वीआइपी की किस्मत भी दांव पर थी। इमामगंज में पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी और विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष उदय नारायण चौधरी के बीच भिड़ंत है। गया में भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रेम कुमार एवं जहानाबाद में जदयू के कृष्णनंदन वर्मा कड़े मुकाबले में फंसे हैं। इनके अलावा जमालपुर से शैलेश कुमार, लखीसराय से विजय सिन्हा, राजपुर से संतोष निराला, बांका से रामनारायण मंडल और चैनपुर से ब्रजकिशोर बिंद भी मैदान में हैं। दिनारा में लोजपा प्रत्याशी राजेंद्र सिंह और जदयू के जयकुमार सिंह के बीच दिलचस्प मुकाबला है। चिराग पासवान के दावे की सच्चाई भी इसी दौर में सामने आ चुकी है।
किसके कितने प्रत्याशी
राजग
- भाजपा : 29
- जदयू : 35
- हम : 6
- वीआइपी : 1
महागठबंधन
- राजद : 42
- कांग्रेस : 21
- माले : 8
लोजपा : 42
राजद-जदयू में सबसे ज्यादा टक्कर
- जदयू और राजद : 24 सीट
- जदयू और कांग्रेस : 7 सीट
- जदयू और माले : 4 सीट
भाजपा और राजद : 14 सीट
-भाजपा और कांग्रेस : 11 सीट
- भाजपा और माले : 4 सीट
- हम और राजद : 3 सीट
- हम और कांग्रेस : 3 सीट
- वीआइपी और राजद : 1 सीट
यह है हैसियत
साल 2015
- राजद : 27
- जदयू : 18
- भाजपा : 13
- कांग्रेस : 09
- रालोसपा : 01
- हम : 01
- माले : 01
- निर्दलीय : 01
चुनाव दर चुनाव मतदान फीसद
- 2010 : 50.39
- 2015 : 54.68
- 2020 : 53.54
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