Lockdown 4.0: 31 मई तक बढ़ सकता है लॉकडाउन, जानिए कहां किस तरह की छूट संभव




नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर देशभर में लागू लॉकडाउन 3.0 की मियाद रविवार को खत्म हो रही है। अभी वायरस जिस तेजी से बढ़ रहा है, उसे देखते हुए तीसरी बार लॉकडाउन का बढ़ना तय है, जिसका संकेत खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नाम अपने संबोधन में दिया था। लॉकडाउन को 31 मई तक बढ़ाया जा सकता है। हालांकि लॉकडाउन 4.0 में कई तरह की छूट दिए जाने की संभावना है। इस बारे में अब किसी भी वक्त ऐलान जा सकता है।- पब्लिक ट्रांसपोर्ट को शर्तों के साथ इजाजत संभव

- ऑटो रिक्शा और कैब एग्रीगेटरों को शर्तों के साथ इजाजत दी जा सकती है। उन्हें अधिकतम 2 यात्रियों को बैठाने की अनुमति दी जा सकती है।

- घरेलू उड़ानों को भी मंजूरी दी जा सकती है बशर्ते कि जहां से फ्लाइट जानी हो और जिस जगह पर उसे पहुंचनी है, वे दोनों संबंधित राज्य इसके लिए राजी हों। केंद्र तो सभी घरेलू उड़ानों को शुरू करना चाहता है लेकिन कई राज्य इसके विरोध में हैं।

1- आंध्र प्रदेश में पब्लिक एक्टिविटी शुरू करने का प्रस्ताव
- रेड जोन्स में मेट्रो सर्विसेज को आगे भी सस्पेंड रखा जा सकता है।

- रेस्ट्रॉन्ट और शॉपिंग मॉल्स को भी कुछ शर्तों के साथ खोलने की इजाजत दी जा सकती है।

- कंटेनमेंट जोन्स में और ज्यादा सख्ती हो सकती है। किस जोन में किन गतिविधियों की इजाजत रहे, इसे तय करने का अधिकार राज्यों को मिल सकता है।

- अब तक केंद्र सरकार ही रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन तय करती रही है। इसमें बदलाव भी केंद्र ही कर सकता है। हालांकि, राज्य मांग कर रहे हैं कि उन्हें जोन तय करने और किस जोन में किन तरह की गतिविधियों को इजाजत रहे, यह तय करने का अधिकार उन्हें मिले।

- गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम जाहिर न करने की शर्त पर हमारे सहयोगी इकनॉमिक टाइम्स को बताया कि राज्यों की यह मांग मानी जा सकती है यानी राज्यों को जोन तय करने का अधिकार दिया जा सकता है।

- अधिकारी ने बताया कि शॉपिंग मॉल्स में कुछ दुकानों, रेस्तराओं को खोलने की इजाजत दी जा सकती है लेकिन सोशल डिस्टेंसिंग के मानकों का पालन जरूरी होगा।

- प्रवासी मजदूरों की समस्या को दूर करने के लिए राज्यों को नई गाइडलाइंस में स्पष्ट निर्देश होगा। अधिकारियों ने बताया कि राज्यों को 11 हजार करोड़ रुपये दिए जाएंगे ताकि वे लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की मदद कर सकें।


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