Lockdown 3.0: मजदूरों ने बताया कि रास्ते में प्रशासन ने उनका खास ख्याल रखा. खाने-पीने की व्यवस्था सहित किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी गई.
बेगूसराय. देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे छात्रों-मजदूरों के स्पेशल ट्रेन (Special train) से बिहार आने का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में मंगलवार को केरल के एर्नाकुलम (Ernakulam) से एक स्पेशल ट्रेन बरौनी जंक्शन पहुंची. इसमें तकरीबन 20 जिलों के 1200 मजदूर सवार थे. सभी मजदूरों की रेलवे स्टेशन पर स्क्रीनिंग करने के बाद उन्हें संबंधित जिले एवं प्रखंडों तक भेजा जाएगा. वहां दोबारा स्क्रीनिंग के बाद उन्हें क्वारंटाइन किया जाएगा.
मजदूरों ने बताया कि रास्ते में प्रशासन के द्वारा उनका खास ख्याल रखा गया था और खाने-पीने की व्यवस्था सहित किसी भी प्रकार की परेशानी नहीं होने दी गई. मजदूरों ने बताया कि एर्नाकुलम से बरौनी आने के लिए उन्हें 1040 रुपये का टिकट लेना पड़ा है.
आने वाले श्रमिकों से किराया लेने के संबंध में जब जिलाधिकारी अरविंद कुमार वर्मा से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी जानकारी मिलने के बाद जांच की जा रही है और जांच के पश्चात वरीय पदाधिकारियों को इसकी सूचना दी जाएगी. फिर मिले दिशा-निर्देश के अनुसार काम किया जाएगा.
डीएम ने कहा कि बरौनी जंक्शन पर आगंतुक यात्रियों के लिए पानी, नाश्ते एवं सेनिटाइजिंग की व्यवस्था की गई है . जिला प्रशासन के द्वारा इनका हरसंभव सहयोग किया जाएगा. गौरतलब है कि बुधवार की सुबह भी सूरत से एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन बरौनी पहुंचेगी तथा शाम में एक ट्रेन श्रमिक को लेकर साबरमती से बेगूसराय आएगी.
सीएम ने कहा है कि किराया सरकार देगी
बता दें कि सोमवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने साफ किया कि बाहर से आ रहे छात्रों को रेल का भाड़ा नहीं देना है, बल्कि राज्य सरकार रेलवे को पैसा दे रही है. मजदूरों का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि बिहार के जो भी लोग बाहर से आ रहे हैं, वो जिस स्टेशन पर आएंगे वहां से उनके प्रखंड मुख्यालय तक ले जाया जाएगा. वहां उनके लिए व्यवस्था की गई है.
क्वारंटाइन अवधि के बाद मिलेगी रकम
सीएम ने कहा कि ऐसे लोगों को जो किराया लगा है, बिहार सरकार वह पैसा उन्हें दे देगी. जब मजदूर या बाहर से आए लोग 21 दिन बाद क्वारंटाइन सेंटर से निकलेंगे तो खर्च के अलावा 500 रुपए जिसके लिए न्यूनतम 1000 रूपए की राशि तय की गई है.
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