कोरोना का कहर देशभर में बढ़ता ही जा रहा। राज्य सरकार के अनुसार बंगाल में भी कोरोना के अबतक 61 पॉजिटिव मामले सामने आ चुके हैं। इनमें 3 लोगों की मौत हो चुकी है जबकि 13 लोग स्वस्थ होकर घर लौट चुके हैं।
इधर, कोरोना के टेस्ट की बात करें तो 10 करोड़ से ज्यादा की आबादी वाले बंगाल में सोमवार तक कुल 1301 लोगों के ही सैंपल टेस्ट किए गए हैं। इनमें से 61 लोगों के टेस्ट पॉजिटिव आए हैं जबकि बाकी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को खुद इसकी जानकारी दी।
उन्होंने कहा कि पहले मेरे पास मात्र 40 टेस्ट किट ही था। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक इस वायरस का सिम्टम्स दिखने पर ही सैंपल टेस्ट के लिए कहा गया था। वहीं, टेस्ट किट की कमी के चलते बड़ी संख्या में लोगों के सैंपल टेस्ट नहीं हो सके।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पीएम मोदी से मांग के बाद हालांकि केंद्र की ओर से बंगाल में 10,000 टेस्ट किट करीब 1 हफ्ते पहले भेजी गई। इधर, देश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामले के बीच इतनी बड़ी आबादी वाले बंगाल में अब तक महज 13 सौ लोगों के ही सैंपल टेस्ट होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
उन्होंने कहा कि पहले मेरे पास मात्र 40 टेस्ट किट ही था। उन्होंने कहा कि आईसीएमआर के गाइडलाइन के मुताबिक इस वायरस का सिम्टम्स दिखने पर ही सैंपल टेस्ट के लिए कहा गया था। वहीं, टेस्ट किट की कमी के चलते बड़ी संख्या में लोगों के सैंपल टेस्ट नहीं हो सके।
उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की पीएम मोदी से मांग के बाद हालांकि केंद्र की ओर से बंगाल में 10,000 टेस्ट किट करीब 1 हफ्ते पहले भेजी गई। इधर, देश में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामले के बीच इतनी बड़ी आबादी वाले बंगाल में अब तक महज 13 सौ लोगों के ही सैंपल टेस्ट होने से कई सवाल खड़े हो रहे हैं।
इन सभी अस्पतालों में करीब 5,000 आइसोलेशन बेड की व्यवस्था की गई है। यह सही है कि सीमित संसाधन के बावजूद बंगाल सरकार कोरोना से निपटने के लिए सभी प्रकार के कदम उठा रही है, लेकिन इतनी बड़ी आबादी वाले राज्य में अब तक इतनी कम संख्या में सैंपल टेस्ट चिंता बढ़ा रही है।
जब मुख्यमंत्री खुद कह रही है कि 50,000 से ज्यादा लोग क्वॉरेंटाइन में हैं ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि क्वॉरेंटाइन में रहने वाले लोगों के भी सैंपल टेस्ट नहीं हो पा रहे हैं। जब बड़ी संख्या में सैंपल टेस्ट ही नहीं हो रहे हैं तो यह पता कैसे लगेगा कि कोरोना से कौन संक्रमित हैं और नहीं है। ऐसे में सैंपल टेस्ट की रफ्तार और बढ़ाने की जरूरत है।