MS Dhoni ने अपने क्रोध पर काबू करने का महामंत्र बताया वरना गुस्सा तो उन्हें भी आता है


भारतीय क्रिकेट टीम (Indian cricket team) के पूर्व कप्तान MS Dhohi को कैप्टन कूल (Captain Cool Dhoni) के नाम से जाना जाता है. वो कैसी भी परिस्थिति हो मैदान पर हमेशा कूल दिखते हैं और काफी कम ऐसे मौके आए हैं जब उन्हें आक्रामक अंदाज में देखा गया हो. वैसे वो खुद को इतना कूल कैसे रखते हैं इसका राज पहली बार खोला है.  Dhoni ने कहा कि वो भी आम इंसान की तरह से ही सोचते हैं बस वो अपने अपने नकारात्मक विचारों पर कंट्रोल करने के मामले में अन्य किसी व्यक्ति की तुलना में ज्यादा बेहतर हैं.

धोनी को कैप्टन कूल कहा जाता है, लेकिन उनका कहना है कि मैच में जीत मिले या हार दोनों ही स्थिति में भावनाएं उनके मन पर हावी रही है. उन्होंने कहा कि मैं भी आम इंसान हूं बस फर्क जरा सा ये है कि मैं किसी दूसरे व्यक्ति की तुलना में अपनी भावनाओं पर बेहतर तरीके से काबू रखता हूं. बताया जा रहा था कि धोनी वर्ल्ड कप 2019 के बाद क्रिकेट से संन्यास ले लेंगे पर उन्होंने इस टूर्नामेंट के बाद से क्रिकेट से ब्रेक लिया है.  

MS Dhoni ने कहा कि मुझे भी हर किसी की तरह निराशा होती है. कई बार मुझे भी काफी गुस्सा आता है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण ये है कि इनमें से कोई भी बात रचनात्मक नहीं होती है. उन्होंने कहा कि मैं समस्याओं का समाधान करने की कोशिश करता हूं जो काफी कारगर साबित होता है. किसी बात पर भावनात्मक होने की जगह उसके समाधान के लिए अभी क्या करना चाहिए ये ज्यादा अहम है. मैं स्थिति के मुताबिक आगे और क्या हो सकता है इसकी योजना बनाता हूं. वो अगला शख्स कौन है जिसका मैं उपयोग कर सकता हूं. मैं जब समस्या से निपटने के बारे में सोचने लगता हूं तब अपनी भावनाओं पर बेहतर तरीके से काबू कर लेता हूं. 

धोनी ने कहा कि अंतिम रिजल्ट से ज्यादा जरूरी उसे पाने के लिए की गई प्रक्रिया है. अपनी कप्तानी के दौरान उन्होंने अपनी इस बात पर ज्यादा जोर दिया है. उन्होंने बताया कि टेस्ट मैच में दो पारियां होती है और इस प्रारूप में अपनी रणनीति बनाने के लिए थोड़ा ज्यादा वक्त मिलता है. वहीं टी20 क्रिकेट में सबकुछ काफी जल्दी-जल्दी होता है और इसमें अलग तरह से सोचने की जरूरत होती है जिससे की परिणाम अच्छा मिल पाए. 

धोनी ने कहा, ‘वह एक खिलाड़ी हो सकता है जिसने गलती की या वह पूरी टीम हो सकती है. यह भी हो सकता है कि प्रारूप चाहे कोई भी हो हमने अपनी रणनीति पर अच्छी तरह से अमल नहीं किया हो.’


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