वैज्ञानिकों को मिला सबसे बड़े डायनासोर का जीवाश्म, छह फीट लंबी है जांघ की हड्डी


लाखों साल पहले धरती पर राज करने वाले डायनासोर आज भी हमारे लिए कौतुहल का विषय बने हुए हैं। डायनासोर पृथ्वी से भले लुप्त हो चुके हों, लेकिन हमारे मन-मस्तिष्क में आज भी उनकी तरह-तरह की आकृतियां घूमती रहती हैं। डायनासोर का नाम आते ही हम जुरासिक वर्ल्ड में खो जाते हैं और जेहन में जो तस्वीर उभरती है वो किसी हॉलिवुड मूवी के एनिमेटेड किरदारों से मिलती-जुलती है। वैज्ञानिकों का मानना है कि डायनासोर कई आकार के होते हैं। वैज्ञानिकों को अब दुनिया के सबसे बड़े डायनासोर की खोज में महत्वपूर्ण कामयाबी मिली है।

वैज्ञानिकों ने अब तक सबसे बड़े जिस डायनासोर का जीवाश्म खोजा है, उसकी जांघ की हड्डी का आकार छह फीट है। केवल जांघ की हड्डी का आकार छह फीट का होने से वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे हैं कि ये कभी धरती पर मौजूद सबसे विशालकाय डायनासोर का जीवाश्म हो सकता है। वैज्ञानिकों को सबसे बड़े डायनासोर का ये जीवाश्म दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस के एक खुदाई स्थल पर मिला है। वैज्ञानिक करीब एक दशक से यहां डायनासोर के जीवाश्म तलाश रहे थे। अब उन्हें जो कामयाबी मिली है वो चौंकाने वाली है।

सॉरोपॉड डायनासोर का है जीवाश्म
जीवाश्म की खोज करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार सबसे बड़े डायनासोर के जांघ की हड्डी दक्षिण-पश्चिमी फ्रांस के ऑन्जेक इलाके में मिली है। जांघ की इस हड्डी का आकार दो मीटर (6.6 फीट) है। वैज्ञानिकों का मानना है कि ये हड्डी सॉरोपॉड डायनासोर की है। ये शाकाहारी डायनासोर थे, जिनकी गर्दन और पूंछ काफी लंबी होती थी। जीवाश्म की खोज करने वाले वैज्ञानिकों के अनुसार इस तरह के सॉरोपॉड डायनासोर जुरासिक काल के अंतिम वर्षों में सामान्य तौर पर पाए जाते थे। ये धरती पर पाए जाने वाले अब तक के सबसे विशालकाय जानवरों में से एक थे।

इतनी संरक्षित हड्डी देख हैरान हैं वैज्ञानिक
वैज्ञानिकों के अनुसार डायनासोर के जांघ की जो हड्डी मिली है, वह पूरी तरह से संरक्षित है, जो हैरान करने वाली बात है। नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम ऑफ पेरिस के अनुसार जो हड्डी मिली है, उसमें मांसपेशियों का जुड़ाव और घावों को आसानी से देखा जा सकता है। इतने बड़े आकार की हड्डियां सामान्यतः इतनी अच्छी स्थिति में नहीं मिलती हैं। आमतौर पर इतनी बड़ी हड्डियां अपने आप ही टूटकर नष्ट हो जाती हैं।

14000 लाख साल पहले पाए जाते थे ये डायनासोर
वैज्ञानिकों का मत है कि इतने बड़े आकार के डायनासोर तकरीबन 14000 लाख साल पहले धरती पर पाए जाते थे। इन डायनसोरा का वजन 40 से 50 टन होता था। स्थानीय समाचार पत्रों के अनुसार जहां पर विशालकाय सॉरोपॉड प्रजाति के डायनासोर की हड्डी मिली है, वहीं पर 2010 में भी इसी प्रजाति के डायनासोर की हड्डियां मिली थीं। उस वक्त जो हड्डी मिली थी वो भी इस डायनासोर के जांघ की हड्डी थी, जो 2.2 मीटर लंबी थी। 2010 में मिली डायनासोर के जांघ की हड्डी का वजन लगभग 500 किलोग्राम था। वैज्ञानिकों का अनुमान है कि अब डायनासोर के जांघ की जो हड्डी मिली है उसका वजन भी लगभग इतना ही होगा। वैज्ञानिकों के अनुसार अभी जो हड्डी मिली है, उसका वजन नहीं किया गया है। इसमें करीब एक हफ्ते का समय लग सकता है। हड्डी का वजन करने के लिए क्रेन की आवश्यकता होगी। इससे पहले हड्डी को पूरी तरह से संरक्षित किया जा रहा है, ताकि वजन नापने के दौरान वह क्षतिग्रस्त न हो।

2010 में 40 प्रजातियों के मिले थे जीवाश्म
अभी डायनासोर के जांघ की जो हड्डी मिली है वह दक्षिण-पश्चिमी इलाके के खोनियेक शहर के पास शैरॉन्ट इलाके में अंगूर के एक बाग में मिली है। लगभग 70 वैज्ञानिक का दल यहां लंबे समय से डायनासोर के जीवाश्म की खोज में जुटा हुआ था। बताया जाता है कि वर्ष 2010 में भी इस इलाके में डायनासोर की 40 प्रजातियों के 7500 से ज्यादा जीवाश्यम पाए गए थे। उस वक्त यहां पर स्टेगोसॉरोसिस की हड्डियां और शुतुरमुर्ग डायनासोर के झुंड का जीवाश्म पाया गया था। इसके अलावा वर्ष 2014 में अर्जेंटीना में भी डायनासोर की हड्डियां बरामद हुई थीं। वैज्ञानिकों ने उस वक्त भी दुनिया के सबसे बड़े डायनासोर का जीवाश्म तलाशने का दावा किया था। तब उस डायनासोर का वजन लगभग 77 टन और ऊंचाई 20 मीटर बताई गई थी।

10 दिन पहले अमेरिका में भी मिला है जीवाश्म
करीब 10 दिन पहले अमेरिका के बिग बेंड नेशनल पार्क में भी वैज्ञानिकों ने एक अद्भुत डायनासोर का जीवाश्म तलाशा है। यहां मिला जीवाश्म डायनासोर की खोपड़ी का हिस्सा है। इस डायनासोर के जबड़े बत्तख की चोंच जैसे होते थे। ये डक-बिल्ड डायनासोर की ग्रिपोसॉरस प्रजाति का डायनासोर था। वैज्ञानिकों ने दावा किया था कि ये नई प्रजाति के डायनासोर हैं, जो आठ करोड़ साल पहले धरती पर पाए जाते थे। 1980 में वैज्ञानिकों ने पहली बार इस प्रजाति के डायनासोर का जीवाश्म तलाशा था।
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