पहले से ही बुरे दौरे से गुजर रहे पाकिस्तान के लिए एक और बुरी खबर उस समय आई जब रुपया, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले और नीचे गिर गया. ताजा आंकड़ों में शुक्रवार को अमेरिकी डॉलर के मुकाबले एक पाकिस्तानी रुपए की कीमत 157 रुपए तक आ गई. रुपए की कीमत में लगातार गिरावट की वजह कर्ज की अदायगी और विदेश मुद्रा भंडार में आ रही कमी को बताया जा रहा है. रुपए की कम कीमत की वजह से लोग महंगाई से परेशान हैं और सरकार उनसे आपा न खोने की अपील कर रही है.
पिछले पांच दिनों के अंदर पाकिस्तान रुपए की कीमत में डॉलर के मुकाबले 7.70 पैसे की गिरावट हो चुकी है. कहा जा रहा है कि अगले कुछ दिनों तक यही स्थिति रहने की संभावना है. विशेषज्ञों की ओर से कहा जा रहा है कि इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड (आईएमएफ) की ओर से विनिमय दरों को विदेशी मुद्रा भंडार की स्थिति के मुताबिक रखने वाले सिस्टम का सुझाव दिया गया है. इस वजह से रुपया लगातार गिर रहा है. आईएमएफ को पाकिस्तान के लिए छह बिलियन डॉलर के बेलआउट पैकेज को मंजूरी देनी है ताकि अर्थव्यवस्था को थोड़ी सांस दी जा सके.
पाकिस्तानी रुपया, एशिया की 13 सबसे खराब मुद्राओं की श्रेणी में आ गया है. पिछले एक वर्ष के अंदर इसके मुल्य में 33 प्रतिशत तक की गिरावट आई है जिसमें 28 प्रतिशत की गिरावट प्रधानमंत्री इमरान खान की सरकार की ओर से की गई है. पिछले वर्ष जुलाई में सत्ता संभालने के बाद इमरान की सरकार ने वादा किया था कि वह आर्थिक स्थिति में सुधार करेंगे. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हो सका. साल 2018 में रुपए की कीमत में 37.5 प्रतिशत की गिरावट हुई तो अब तक इस वर्ष इसमें 9.5 प्रतिशत की गिरावट हो चुकी है.