कूचबिहार में तृणमूल और भाजपा में कांटे की टक्कर


कोलकाता, १०  अप्रैल । उत्तर बंगाल की कूचबिहार लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को मतदान होना है। इस बार यहां मुकाबला बेहद दिलचस्प है। क्योंकि 2014 में लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों ने इस बार पाला बदल दिया है और वे अपने ही पुराने साथियों के खिलाफ खड़े हैं। यहां पर विभिन्न पार्टियों के 11 उम्मीदवार मैदान में हैं। मुख्य मुकाबला तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच है। इतना तय है कि जीतने वाले के लिए राह आसान नहीं है। 
ये हैं उम्मीदवार
2019 के इस लोकसभा चुनाव में 11 राजनीतिक दलों ने इस सीट पर अपने-अपने नए उम्मीदवार उतारे हैं। तृणमूल कांग्रेस ने पाला बदलकर पार्टी में शामिल हुए फॉरवर्ड ब्लॉक के नेता परेशचंद्र अधिकारी को उम्मीदवार बनाया है। वे पूर्व में राज्य की माकपा नीत वाममोर्चा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। तब वे कूचबिहार के ही मेखलीगंज विधानसभा क्षेत्र से फॉरवर्ड ब्लॉक के टिकट पर वर्ष 1991, 2001, 2006 एवं 2011 में लगातार विधायक रहे। वर्ष 2011 में जब पूरे राज्य में सत्ता परिवर्तन हुआ और ममता बनर्जी की सरकार बनी तब भी इस सीट पर उनका ही कब्जा था।
भाजपा ने यहां कूचबिहार जिला टीएमसी के निष्कासित युवा नेता निशिथ प्रमाणिक पर दांव लगाया है। वह जनवरी महीने में भाजपा में शामिल हुए हैं। वर्ष 2018 के पंचायत चुनाव में उन्होंने टीएमसी के लिए जमकर काम किया था। इस बार वह टीएमसी के बागी के रूप में भाजपा के उम्मीदवार हैं। हालांकि उन्हें उम्मीदवार बनाए जाने पर शुरू में भाजपा कार्यकर्ताओं ने जोरदार विरोध किया, लेकिन बाद में पार्टी के शीर्ष नेताओं ने समझा-बुझाकर मामला सुलझा लिया। प्रधानमंत्री उनके समर्थन में दो जनसभाएं कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनके भतीजे अभिषेक बनर्जी ने उन पर गैरकानूनी कारोबार में लिप्त होने का आरोप लगाया है।
फॉरवर्ड ब्लॉक ने इस सीट से गोविंद रॉय को खड़ा किया है। वह 2001 में जलपाईगुड़ी विधानसभा क्षेत्र से विधायक रह चुके हैं। कांग्रेस ने शिक्षिका और पार्टी की सदस्य पिया रॉय चौधरी को उम्मीदवार बनाया है। इनके अलावा अन्य दलों और निर्दलीय सहित कुल 11 उम्मीदवार चुनावी मैदान में हैं। 
कितने मतदाता और मतदान केंद्र
चुनाव आयोग के मुताबिक, कूचबिहार में 1809598 मतदाता और 2,010 मतदान केंद्र हैं।
क्या है 2014 का जनादेश
वर्ष 2014 के लोकसभा चुनाव में कुल 526499 वोट पाकर टीएमसी की रेणुका सिन्हा यहां से सांसद निर्वाचित हुई। फॉरवर्ड ब्लॉक के दीपक कुमार रॉय दूसरे स्थान पर रहे। उन्होंने कुल 439393 वोट पाया था। भाजपा उम्मीदवार हेमचंद्र बर्मन 217653 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे। वहीं, कांग्रेस के केशवचंद्र राय 74540 वोट पाकर चौथे स्थान पर रहे। इस बीच 17 अगस्त, 2016 को यहां की सांसद 67 वर्षीया रेणुका सिन्हा का हृदयाघात से निधन हो गया। तब इस सीट पर उपचुनाव हुआ।
2016 के उपचुनाव में भाजपा का ग्राफ बढ़ा
उपचुनाव में टीएमसी के उम्मीदवार पार्थ प्रतिम राय ने रिकॉर्ड 413241 मतों से भाजपा उम्मीदवार को चित्त कर दिया। उन्हें कुल 794375 वोट मिले। दूसरे स्थान पर रहे भाजपा उम्मीदवार हेमचंद्र बर्मन को 381134 वोट मिले। उपचुनाव में इस सीट पर दूसरी बड़ी पार्टी के रूप में भाजपा उभरी। फॉरवर्ड ब्लॉक पार्टी दूसरे स्थान से खिसक कर तीसरे स्थान पर आ गई। वहीं, कांग्रेस पूर्ववत चौथे स्थान पर ही बरकरार रही। उपचुनाव में फॉरवर्ड ब्लॉक के नृपेंद्रनाथ रॉय को 87363 वोट जबकि कांग्रेस के पार्थ प्रतिम आइशोर को मात्र 33470 वोट से ही संतोष करना पड़ा।
कुल मिलाकर जनता क्या फैसला करती है, यह 23 मई को पता चल सकेगा। चुनाव विश्लेषकों का दावा है कि जीत चाहे जिसकी भी हो, लेकिन राह किसी की भी आसान नहीं होगी।
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