भारतीय मुक्केबाजी अपने सबसे मुश्किल दौर से गुजर रही है : मैरीकोम


नयी दिल्ली : विश्व चैम्पियनशिप में लंबे समय तक दबदबा बनाने वाली एमसी मैरीकोम का मानना है कि इस बार इस प्रतिष्ठित प्रतियोगिता में वह नुकसान की स्थिति में होंगी और इस स्टार भारतीय मुक्केबाज ने अपनी संभवत: अंतिम विश्व चैम्पियनशिप में इसकी भरपाई आक्रामकता को दोगुना करके करने का वादा किया है.

विश्व चैम्पियनशिप का आयोजन कजाखस्तान के अस्ताना में 19 से 27 मई किया जाएगा. मैरीकोम ने चैम्पियनशिप के लिए रवाना होने से पूर्व अपनी तैयारियों और लक्ष्य को लेकर पीटीआई से बात की. इस टूर्नामेंट के जरिये मैरीकोम ओलंपिक के लिए क्वालीफाई कर सकती है.

ओलंपिक कांस्य पदक विजेता मैरीकोम ने कहा, ‘‘देखते हैं यह विश्व चैम्पियनशिप कैसी रहती है. मैं टूर्नामेंट की एंबेसडर में शामिल हूं इसलिए उम्मीद करती हूं कि यह मेरे लिए फायदे की स्थिति होगी. मुझे नुकसान की स्थिति से भी कोई फर्क नहीं पड़ता क्योंकि मैं चाहे क्वालीफाई करुं या नहीं, अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करुंगी.'' मणिपुर की यह मुक्केबाज नुकसान की स्थिति रैफरी और जजों के बीच भारतीय प्रतिनिधित्व नहीं होने के संदर्भ में कह रही थी क्योंकि देश में कोई राष्ट्रीय महासंघ नहीं है.

मैरीकोम ने कहा, ‘‘बेशक कोई प्रतिनिधित्व नहीं है और यह बात दिमाग में आती है. अगर हम अच्छा प्रदर्शन करते है. तो भी हार सकते हैं क्योंकि हमारा पक्ष रखने के लिए कोई अधिकारी नहीं है. कभी कभी हमें काफी डर लगता है कि कौन हमारा समर्थन करेगा. जिन देशों में उचित महासंघ हैं उन्हें जब लगता है कि कुछ अनुचित हुआ है तो वे कड़ा विरोध करते हैं लेकिन हम ऐसा नहीं कर सकते.

कोई हमारा समर्थन करने के लिए नहीं है.'' उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय मुक्केबाजी सबसे अपने मुश्किल दौर से गुजर रही है. अब तक सिर्फ एक लड़के (शिव थापा) ने क्वालीफाई किया है. यह सारी कहानी बयां करता है. एक और क्वालीफायर (पुरुषों के लिए) बचा है लेकिन यह देखना होगा कि इससे कितने और मुक्केबाज क्वालीफाई करते हैं. पिछली बार आठ मुक्केबाजों ने ओलंपिक में हिस्सा लिया था.'' मैरीकोम को अगर ओलंपिक में क्वालीफाई करना है तो उन्हें विश्व चैम्पियनशिप में कम से कम सेमीफाइनल में जगह बनानी होगी.
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