भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की जानकारी के मुताबिक कि भारत के दूसरे चंद्र मिशन चंद्रयान -2 (chandrayaan 2) की अभी तक की सारी गतिविधियां सामान्य है.शुक्रवार को चंद्रयान 2 धरती की चौथी कक्षा (orbit) में सफलतापूर्वक पहुंचेगा गया है. इसी के साथ यान का आखिरी ऑर्बिट 6 अगस्त को पहुंचेगा.
इसरो ने इससे पहले बताया था कि चंद्रयान-2 को धरती की तीसरी कक्षा में सफलतापूर्वक और ऊंचाई पर पहुंचा दिया गया है. बता दें कि 29 जुलाई को चंद्रयान-2 धरती के तीसरे कक्ष में दोपहर तीन बजकर 12 मिनट पर सफलतापूर्वक पहुंचा दिया गया था. कक्षा में परिवर्तन के लिए चंद्रयान में मौजूद प्रोपेलिंग सिस्टम का 989 सेकेंड तक इस्तेमाल किया गया. इसरो ने बताया कि यान को 276 गुणा 71792 किलोमीटर की कक्षा में पहुंचा गया है। खास बात यह है कि अंतरिक्ष यान की सभी गतिविधियां सामान्य हैं. इसरो ने कहा कि कक्षा में यान को चौथी बार और ऊंचाई पर ले जाने का कार्य दो अगस्त को भारतीय समयानुसार दोपहर दो से तीन बजे के बीच किया जाएगा.
पहली और दूसरी बार कक्षा में परिवर्तन क्रमश: 24 और 26 जुलाई को कराया गया था। इसरो के मुताबिक चंद्रमा के गुरुत्व क्षेत्र में प्रवेश करने पर चंद्रयान-2 के प्रोपेलिंग सिस्टम का इस्तेमाल अंतरिक्ष यान की गति धीमी करने में किया जाएगा, जिससे यह चंद्रमा की प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश कर सके. इसके बाद चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर चंद्रमा के चारों ओर चंद्रयान-2 को पहुंचाया जाएगा.
इसके बाद लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा के चारों ओर 100 गुणा 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करेगा. फिर ये सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरने की तैयारी में लग जाएगा. चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद रोवर लैंडर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा की सतह पर एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) की अवधि तक प्रयोग करेगा। ऑर्बिटर अपने मिशन पर एक वर्ष की अवधि तक रहेगा.