घाटी में भारत ने जैसा चाहा वैसा किया. एक झटके में कश्मीर से धारा 370 हटा दी गई और पाकिस्तान हाथ मलता रह गया. मगर मसला कश्मीर का है और पाकिस्तान चुप तो बैठेगा नहीं तो फिर इस बात की पड़ताल ज़रूरी है कि भारत के जवाब में पाकिस्तान के पास विकल्प क्या है. क्योंकि जिस अमेरिका की तरफ इस मसले पर पाकिस्तान उम्मीद भरी निगाहों से देख रहा था. उसने तो दो टूक कह दिया कि ये भारत का अंदरुनी मामला है. तो फिर अब क्या करेगा पाकिस्तान?
पाकिस्तान की पांच धमकी
आर्टिकल 370 हटाने को लेकर पाकिस्तानी सेना से लेकर संसद तक. संसद से लेकर सरकार तक सब बेचैन हैं. परेशान हैं. आनन फानन में पाकिस्तानी संसद का विशेष सत्र बुलवाया गया. और पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान ने भारत को धमकाना शुरू कर दिया. उन्होंने संसद में कहा कि
पुलवामा जैसे हमले होंगे.
खून के आखिरी क़तरे तक लड़ेंगे.
संयुक्त राष्ट्र में जाएंगे.
अंतरराष्ट्रीय कोर्ट में ले जाएंगे.
हमारे पास परमाणु बम है.
पाकिस्तानी सरकार पर वहां के सियासतदानों का जो दबाव है, वो साफ नज़र आ रहा है. मगर अब इमरान खान की इन धमकियों का भी ज़्यादा असर पड़ने वाला नहीं है. क्योंकि पाकिस्तान को जिस तरह पुलवामा का जवाब बालाकोट में मिला. उसके बाद इमरान खान भी फूंक फूंक कर कदम रख रहे हैं और बार बार यही दुहाई दे रहे हैं कि जंग से कुछ हासिल होने वाला नहीं हैं. मगर जिस पाकिस्तान की राजनीति ही कश्मीर से शुरू और कश्मीर पर खत्म होती है, वहां इस मसले पर तेवर दिखाना भी सरकार की मजबूरी है.
इमरान खान ने पाकिस्तानी संसद में कहा "इन्होंने फिर आजाद कश्मीर में कुछ करना है. रद्देअमल आएगा. इन्होंने एक्शन लेना है. ये हो नहीं सकता कि पाकिस्तान में अटैक करे और हम जवाब ना दें. वो भी जवाब देंगे. हम भी जवाब देंगे. कन्वेंशन वॉर होगी तो क्या होगा. वॉर हमारे खिलाफ भी जा सकती है. अगर हमारे खिलाफ गई तो हम क्या करेंगे. हमारे पास दो रास्ते हो जाएंगे. एक बहादुर शाह जफर और दूसरा टीपू सुलतान का. एक हार मान लें या दूसरा टीपू सुलतान की तरह खून के आखिरी कतरे तक लड़ें. मैं ये सवाल पूछता हूं खून के आखिरी कतरे पर लड़ेंगे तो वो कौन सी जंग होगी."
अब ये रद्देअमल बकौल इमरान खान पुलवामा हमले जैसा हो सकता है. कुल मिलाकर पाकिस्तानी प्रधानमंत्री धारा 370 खत्म किए जाने के जवाब में भारत को आतंकी हमले की धमकी दे रहे हैं. साथ ही इमरान खान ने यहां तक कह दिया कि भारत के इस कदम से कश्मीर में हालात और खराब होंगे. और मुमकिन है कि हालात युद्ध जैसे बन जाएं. और अगर ऐसा हुआ तो इसका असर पूरी दुनिया पर पड़ेगा.
अनुच्छेद-370 पर भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव हर गुज़रते दिन के साथ बढ़ता जा रहा है. भारत सरकार के इस फैसले से तिलमिलाए पाकिस्तान और इस मुद्दे पर अपनी ही संसद में पूरी तरह घिर चुके पीएम इमरान ने इस इमरजेंसी हालात के बीच राष्ट्रीय सुरक्षा समिति यानी एनएससी की बैठक की. जिसमें पाकिस्तानी सेना के तीनों प्रमुख मौजूद थे. खबरों के मुताबिक इस बैठक में भारत के इस कदम का मुकाबला करने के लिए सभी मुमकिन विकल्पों पर चर्चा की गई. और ये तय किया गया कि पाकिस्तान सरकार भारत के कदम के खिलाफ कूटनीतिक हमला करेगा.
इमरान खान ने भारत के नाम ये खुली धमकियां मंगलवार को बुलाए गए पाकिस्तानी संसद के इमरजेंसी सत्र में दीं. जहां इमरान खान ने दावा किया कि उन्हें बिश्केक सम्मेलन के दौरान ही कश्मीर में किसी अनहोनी का अंदाजा हो गया था. इमरान खान की मुश्किल ये है कि उन्हें अपने मुल्क को कश्मीर में धारा 370 खत्म किए जाने पर मुतमईन करना है. साथ ही उन्हें डर इस बात का भी सता रहा है कि कल को अगर भारत ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पर एक्शन ले लिया तो पाकिस्तान के पास क्या रास्ता बचेगा.
इमरान खान की बौखलाहट का एक बड़ी वजह ये भी है कि इमरान खान की गुहार पर डोनल्ड ट्रंप कश्मीर मुद्दे पर मध्यस्थता के लिए तैयार तो हो गए थे. मगर भारत ने सिरे से ही इमरान की शातिर चाल को नाकाम करते हुए. ट्रंप की मध्यस्था के विकल्प को नकार दिया. अब इमरान खान को इस बात की चिंता सता रही है कि कश्मीर में धारा-370 खत्म हो गई और पाकिस्तान की कोई सुन ही नहीं रहा.
कश्मीर का विशेष दर्जा खत्म करने के खिलाफ पाकिस्तान की तमाम उम्मीदें संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका पर टिकी हुई हैं. लेकिन अमेरिका ने पहले ही एक बयान देकर इस मसले से खुद को अलग कर लिया. अमेरिका ने इस बात का संज्ञान लिया है कि भारत सरकार ने इस कदम को सख्त तौर पर अपना आतंरिक मामला बताया है.
तो कुल मिलाकर कश्मीर से धारा-370 के खात्मे के साथ ही कश्मीर से पाकिस्तान की नापाक उम्मीदों का भी खात्मा हो गया है. पाकिस्तान बातों बातों में युद्ध की धमकी भी दे रहा है. लेकिन पाकिस्तान खुद भी जानता है कि अब कश्मीर को लेकर उसके पास कोई ज्यादा विकल्प बचे नहीं है. और उसकी चरमराई अर्थव्यवस्था उसे जंग की इजाज़त नहीं देती है.
ज़ाहिर है भारत से आमने सामने की जंग पाकिस्तान के लिए मुश्किल है. लिहाज़ा घाटी के साथ साथ हिंदुस्तान में अशांति फैलाने के लिए अब पाकिस्तान वही रास्ता अपनाएगा जो वो पिछले तीन दशकों से अपनाता आया है. यानी दहशत का रास्ता. और पाकिस्तान की इस टेरर पॉलिसी का ज़िम्मा होगा उसके आतंक के 4 अहम नुमाइंदों पर. जिनमें हाफिज़ सईद, मसूद अज़हर, सैयद सलाउद्दीन और दाऊद इब्राहिम के नाम शामिल हैं.
इन चारों को फिलहाल मुल्क की इमेज सुधारने के लिए अंडरग्राउंड कर दिया गया था. क्योंकि वज़ीर-ए-आज़म इमरान खान को पिछले महीने जुलाई में अमेरिका का दौरा करना था. और वहां आतंक के मसले पर वो अपनी किसी तरह की किरकिरी नहीं कराना चाहते थे. मगर अब अमेरिका दौरा भी खत्म हो गया है और घाटी में धारा 370 भी. लिहाज़ा सूत्रों के हवाले से ये खबरें आ रही हैं कि पाकिस्तानी सेना और आईएसआई आतंक के इन माड्यूल्स को फिर से एक्टिव कर रही है.
मगर पाकिस्तान शायद ये भूल रहा है कि भारत को इन आतंकियों के ठिकानों का इल्म है. हिंदुस्तान के पास ना सिर्फ इन आतंकियों के ठिकानों का पता है बल्कि बालाकोट जैसे एयरस्ट्राइक करने का एक्सपीरियंस भी. यानी दहशत फैलाने की कोई भी पाकिस्तानी चाल उस पर भारी पड़ सकती है.