लोकसभा में UAPA संशोधन बिल 2019 पास, NIA को मिलेगी और ताकत, ओवैसी ने कांग्रेस को लताड़ा


लोकसभा में बुधवार को हंगामे के बीच गैरकानूनी गतिविधियां(रोकथाम) संशोधन विधेयक 2019 (UAPA)पारित हो गया। इस बिल को मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने स्टैंडिंग कमेटी को भेजने की मांग की और विरोध करते हुए सदन से वॉकआउट किया। इस बिल पर चर्चा के दौरान जवाब देते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि देश की सुरक्षा के साथ समझौता नहीं किया जा सकता। साथ ही उन्होंने इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवाद बंदूक से पैदा नहीं होता, आतंकवाद के लिए उन्माद फैलाया जाता है। सरकार का कहना है कि इस बिल से राष्ट्रीय जांच एजेंसी(NIA) को  और ताकत मिलेगी। वहीं विपक्ष को डर है कि इस बिल का दुरुपयोग होगा।

ओवैसी ने कांग्रेस को लताड़ा
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस बिल पर चर्चा के दौरान कांग्रेस को जमकर लताड़ा। उन्होंने कहा ' मैं इसके लिए कांग्रेस पार्टी को दोषी मानता हूं। इस कानून को लाने के लिए वे मुख्य दोषी हैं। जब वे सत्ता में होते हैं तो वे भाजपा के बड़े भाई बनते हैं और जब वे सत्ता खो देते हैं तो मुसलमानों के बड़े भाई बन जाते हैं। जब कोई कांग्रेसी गिरफ्तार होगा तब उन्हें पता चलेगा।'  

अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन
ओवैसी ने भाजपा सरकार को भी हुआ और कहा कि इस विधेयक से अनुच्छेद 14 और 21 का उल्लंघन होगा। किसी को भी केवल सरकार की भावना या संदेह के आधार पर आतंकवादी नहीं कहा जा सकता है। इस बिल में न्यायिक समीक्षा का अभाव है और मैं जानना चाहता हूं कि संसदीय संप्रभुता कहां जा रही है ?

अमित शाह ने कहा इस बिल को लेकर कौन आया था
सवालों का जवाब देते हुए अमित शाह ने भी कांग्रेस पर निशाना साधा उन्होंने कहा कि जब आप हम लोगों पर सवाल खड़े करते हैं तो यह नहीं देखते हैं इस बिल को लेकर कौन आया था। इस बिल के प्रावधानों को किसने और सख्त किया। हकीकत यह है कि जब आपलोग सरकार में थे तो इस बिल को लाया गया। उस समय आप लोगों ने इस बिल के संबंध में जो कुछ किया वो भी सही था और आज जब हम इस विषय पर आगे बढ़ रहे हैं वो भी सही है। 

शाह ने कहा कि देश के सामने कई खतरे है। क्या आप लोग इसे नहीं देख रहे हैं।विचारधारा के नाम पर कुछ लोग अर्बन नक्सल को बढ़ावा दे रहे हैं और सरकार को उनसे कोई सहानुभूति नहीं है। भाजपा आतंकवाद से लड़ना चाहती है और यह उसके लिए ये मायने नहीं रखता कि कौन सी सरकार सत्ता में है।   

क्या है यूएपीए एक्ट
यूएपीए एक्ट का उद्देश्य देश की अखंडता और संप्रभुता के खिलाफ होने वाली गतिविधियों पर अंकुश लगाना है। इस विधेयक के अनुसार, सरकार किसी संगठन को पहली अनुसूची में शामिल कर आतंकी संगठन घोषित कर सकती है। पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की सरकार के दौरान यह कानून लाया गया था। इसमें संशोधन कर एक्ट में चौथी अनुसूची जोड़ी गई है। इसके तहत व्यक्तियों के नाम भी इसमें शामिल किए जा सकेंगे

केन्द्रीय कैबिनट ने इन बिलों को दी मंजूरी
केन्द्रीय कैबिनट ने आधार एवं अन्य कानून (संशोधन) बिल 2019 में आधिकारिक संशोधनों को मंजूरी दे दी है। इसके अलावा कैबिनेट कृषि लागत एवं मूल्‍य आयोग (CACP) की सिफारिश पर साल 2019-20 के लिए चीनी मिलों द्वारा गन्‍ने के उचित एवं लाभकारी मूल्‍य को मंजूरी दे दी है। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 प्रतिशत बेसिक रिकवरी दर के लिए गन्‍ने का एफआरपी 275 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है।
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