कर्नाटक के सीएम बीएस येदियुरप्पा के फ्लोर टेस्ट से पहले विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार ने बड़ा फैसला लिया है।
विधानसभा अध्यक्ष ने इस्तीफा दिए 14 बागी विधायकों की सदस्यता रद्द कर दी। इनमें कांग्रेस के 11 और जेडीएस के तीन विधायक शामिल हैं। इससे पहले अध्यक्ष ने तीन विधायकों को अयोग्य करार दिया था। यानी अब कुल इस्तीफा दिए 17 विधायक अयोग्य करार दिए जा चुके हैं। ये विधायक 2023 तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं। वहीं दूसरी ओर अयोग्य करार दिए गए विधायकों ने कहा है कि वे इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।
4 विधायकों को अयोग्य करार देने के बाद विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा कि मैंने कोई चालाकी या ड्रामा नहीं किया, बल्कि सौम्य तरीके से फैसला लिया है। उन्होंने कहा कि 'हम कहां जाते? स्थिति से निपटने के लिए मेरे ऊपर जिस तरीके से दबाव बनाया गया......स्पीकर होते हुए भी....इन सभी बातों ने मुझे घोर निराशा में धकेल दिया।'
25 जुलाई को अयोग्य घोषित किए गए विधायक
रमेश जारकिहोली (कांग्रेस), महेश कुमतल्ली (कांग्रेस), आर शंकर (निर्दलीय)
28 जुलाई को अयोग्य घोषित विधायक
कांग्रेस विधायक- प्रताप गौड़ा पाटिल, शिवराम हेब्बर, बीसी पाटिल, बयराती बासवराज, एसटी सोमशेखर, के सुधाकर, एमटीबी नागराज, श्रीमंत पाटिल, रोशन बेग, आनंद सिंह और मुनिरत्ना
जेडीएस विधायक- ए एच विश्वनाथ, नारायण गौड़ा और के गोपालैया
वहीं कर्नाटक विधानसभा में विश्वासमत के एक दिन पहले आत्मविश्वास से लबरेज नजर आ रहे बीएस येदियुरप्पा ने कहा कि सोमवार को मैं 100 प्रतिशत अपना बहुमत साबित कर दूंगा। मैं इस बारे में पूरी तरह से आश्वस्त हूं।