देश में सीवर लाइन साफ करते हुए होने वाली मौतों को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने सभी राज्यों को फायर ब्रिगेड की तर्ज पर आपातकालीन स्वच्छता प्रतिक्रिया ईकाई (ईआरएसयू) का गठन करने को कहा है।
सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय आवास और शहरी मामलों के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के मंत्रियों को लिखा कि स्वच्छता से जुड़े अभियान में किसी भी आपात स्थिति में आएआरएसयू ही सहायता करने के लिए जिम्मेदार होगा। मिश्रा ने बताया कि सरकार सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई के दौरान सफाई कर्मियों की मौत की घटनाओं पर मिली रिपोर्ट को लेकर सरकार गंभीर है।
सूत्रों का कहना है कि मिश्रा ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि सीवर और सेप्टिक टैंकों की घातक सफाई को कर्मचारियों की रक्षा के कानून के तहत प्रतिबंधित किया गया है। परंपरागत रूप से सीवर और सेप्टिक टैंकों की सफाई करने वाले कर्मचारियों को उचित तरीके से प्रशिक्षित किया जाए। उन्हें आधुनिक उपकरण प्रदान किए जाएं और उन्हें बतौर सीवर एंट्री प्रोफेशनल सर्टीफिकेट दिया जाए।
मिश्रा ने अपने पत्र में कहा कि राज्यों, केंद्र शासित प्रदेशों और शहरी निकायों को अग्निशमन सेवा की तर्ज पर आपातकालीन स्वच्छता प्रतिक्रिया ईकाई (ईआरएसयू) का गठन करना होगा। एक लाख से अधिक की आबादी वाले सभी प्रमुख शहरों में नगरपालिकाओं और सीवेज बोर्ड को इस संबंध में अपनी जिम्मेदारियों का निर्वाह करना होगा। ईआरएसयू 75 किलोमीटर के दायरे में काम करेगी।