इंसेफेलाइटिस: बिहार सरकार के इलाज पर सेंट्रल टीम ने उठाये सवाल


मुजफ्फरपुर में इंसेफेलाइटिस की जांच और इलाज में कई खामियां पायी गयी हैं. सेंट्रल टीम ने एसकेएमसीच के डॉक्टरों के इलाज के तरीके और डाइग्नोसिस पर सवाल उठाये हैं. सेंट्रल टीम का कहना है कि इलाज और रोग निदान का तरीक दिशा निर्देशों के मुताबिक नहीं है. केन्द्रीय टीम ने इस संबंध में बि्हार सरकार के स्वास्थ्य विभाग को एक चिट्ठी लिखी है.

इंसेफेलाइटिस के प्रकोप के बाद 12 जून को सात सदस्यीय सेंट्रल टीम ने मुजफ्फरपुर का दौरा किया था. एसकेएमसीच और बिहार के स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में रोग निदान के लिए जरूरी दिशा निर्देश तय किये थे. अब कहा जा रहा है कि इन दिशा निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है. केन्द्रीय टीम के मुताबिक मुजफ्फरपुर के डॉक्टरों ने रोग प्रभावित बच्चों में इंसेफेलोपैथी या इंसेपेलाइटिस के विभिन्न कारणों को शुरू में ही खत्म करने की कोशिश नहीं की. इसकी शुरुआत प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र से होनी थी.

सेंट्रल टीम ने हिदायत थी कि हर पीएचसी में मलेरिया परजीवी की पहचान के लिए एंटीजेन आधारित रैपिड डाइग्नोस्टिक टेस्ट या माइक्रोस्लाइड अनिवार्य रूप से किया जाएगा. बुखार आने के बाद ऐसा करना जरूरी था। लेकिन ये जांच चमकी प्रभावित किसी भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र में नहीं हुई.
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