श्रीलंका में एनटीजे समेत तीन इस्लामिक चरमपंथी समूहों पर लगा प्रतिबंध


श्रीलंका सरकार ने ईस्टर पर आतंकवादी हमले करने वाले नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे) समेत तीन इस्लामिक चरमपंथी समूहों को प्रतिबंधित कर दिया है.

ईस्टर पर हुए धमाकों में 250 से अधिक लोग मारे गये और यह देश के इतिहास में सबसे भीषण हमलों में से एक था. राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरीसेना ने सोमवार को कई चरमपंथी संगठनों को प्रतिबंधित करने के आदेश वाला असाधारण गजट जारी किया. उन्होंने अगले नोटिस तक देश में ड्रोन के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी. गजट के अनुसार, नेशनल तौहीद जमात (एनटीजे), जमाते मिलायते इब्राहिम (जेएमआई) और विलायत अस सेयलानी (डब्ल्यूएएस) संगठनों को प्रतिबंधित किया गया है. गौरतलब है कि 21 अप्रैल को एक महिला समेत नौ आत्मघाती हमलावरों ने तीन गिरजाघरों और कई लग्जरी होटलों पर धमाके किये जिसमें 44 विदेशी समेत 258 लोगों की मौत हो गयी और 500 अन्य घायल हो गये. मृतकों में से 10 भारतीय थे.

इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह ने हमलों की जिम्मेदारी ली, लेकिन सरकार ने स्थानीय इस्लामिक चरमपंथी समूह नेशनल तौहीद जमात को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया. श्रीलंकाई सरकार ने सोमवार को देशव्यापी कर्फ्यू लगाया और लोगों को हिंसा भड़काने से रोकने के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को भी ब्लॉक कर दिया. द्वीपीय देश के नये इलाकों में साम्प्रदायिक हिंसा भड़क गयी है. इस बीच, सिरीसेना ने अगले नोटिस तक देश में ड्रोन के इस्तेमाल पर भी रोक लगा दी. एक अन्य गजट अधिसूचना में कहा गया है, ट्राईफोर्स या पुलिस के किसी सदस्य के अलावा अन्य व्यक्ति द्वारा श्रीलंका के क्षेत्र में कोई भी मानवरहित विमान या ड्रोन उड़ाना अगले नोटिस तक निषिद्ध है. इससे पहले, श्रीलंका के नागरिक उड्डयन प्राधिकरण ने ईस्टर धमाकों के बाद ड्रोन और मानवरहित विमान के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया था.
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