इस्तीफे पर अड़े हैं राहुल गांधी, कांग्रेस नेताओं की मनाने की कोशिशें जारी


लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के कारण राहुल गांधी इस्तीफा देने के अपने रुख पर मंगलवार को भी कायम रहे, हालांकि सहयोगी द्रमुक तथा पार्टी के कई वरिष्ठ नेताओं ने उनसे अपना निर्णय वापस लेने का आग्रह किया. इस बीच, कांग्रेस में बैठकों और मुलाकातों का दौर भी जारी रहा. पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी ने राहुल से मुलाकात कर उनके रुख को लेकर उनके साथ मंत्रणा की. 

कई दूसरे नेता भी राहुल गांधी के आवास पहुंचे. सूत्रों के मुताबिक प्रियंका, कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल, पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने गांधी से मुलाकात की. कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि गांधी इस्तीफा देने के अपने रुख पर कायम हैं, हालांकि पार्टी के नेता उन्हें मनाने की कोशिश में जुटे हैं.

इस बीच, यह भी जानकारी सामने आयी है कि बुधवार को कुछ प्रदेशों में कांग्रेस की कार्यकारिणी की बैठक हैं जिनमें प्रस्ताव पारित कर राहुल गांधी से यह अपील की जा सकती है कि वह अध्यक्ष पद पर बने रहें. द्रमुक के अध्यक्ष एमके स्टालिन ने भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से अपने पद से नहीं हटने का अनुरोध किया और कहा कि उनकी पार्टी भले ही आम चुनाव हार गयी, लेकिन राहुल ने लोगों का दिल जीता है. 

द्रमुक ने यहां कहा कि राहुल के पद छोड़ने पर अड़े रहने की खबरों के बीच स्टालिन ने कांग्रेस के शीर्ष नेता से फोन पर बात की और उनसे पार्टी अध्यक्ष के पद से इस्तीफा देने का विचार छोड़ने की अपील की. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता भी गांधी को इस्तीफे का फैसला वापस लेने के लिए मनाने की पुरजोर कोशिश कर रहे हैं. वहीं केरल की तिरुवनंतपुरम लोकसभा सीट से लगातार तीसरी बार कांग्रेस के टिकट पर जीत दर्ज करने वाले शशि थरूर ने कहा कि गांधी ने आगे रहकर पार्टी का नेतृत्व किया और उन्हें अभी पार्टी के लिए बहुत कुछ करना है.

दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी की अध्यक्ष शीला दीक्षित और अन्य नेताओं ने राहुल गांधी से आग्रह किया कि वह इस्तीफा वापस ले लें और पूरी कांग्रेस राहुल के साथ खड़ी है. कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कहा, उन्हें इस्तीफा देने के बजाय सभी स्तर पर नेताओं के इस्तीफे मांगने चाहिए और संगठन में बदलाव करने चाहिए. कांग्रेस नेता एम वीरप्पा मोइली ने इस हार को ‘गुजरता हुआ एक दौर' करार दिया. 

गांधी को पार्टी के लिए प्रेरणास्रोत बताते हुए मोइली ने कहा कि उनका पद छोड़ना सही नहीं होगा. गौरतलब है कि बैठक में हार की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए गांधी ने इस्तीफे की पेशकश की थी. हालांकि, सीडब्ल्यूसी ने प्रस्ताव पारित कर इसे सर्वसम्मति से खारिज कर दिया और पार्टी में आमूलचूल बदलाव के लिए उन्हें अधिकृत किया.
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