सऊदी: 11 राजकुमारों की गिरफ्तारी, युवराज बिन सलमान हुए और मजबूत

रियाद : सऊदी में अरब में भ्रष्टाचार के खिलाफ बड़ी कार्रवाई के तहत एशिया का वॉरन बफेट माने जाने वाले अरबपति कारोबारी अल-वलीद बिन तलल समेत 11 राजकुमारों को गिरफ्तार किया गया है। एक शाही फरमान के जरिए इन राजकुमारों की गिरफ्तारी हुई है। सऊदी के 32 वर्षीय युवराज मोहम्मद बिन सलमान की अगुआई वाले नए भ्रष्टाचार निरोधक आयोग का गठन होने के बाद रविवार को ये गिरफ्तारियां हुई हैं। ऐसा माना जा रहा है कि सलमान इस कार्रवाई के जरिए अपने विरोधियों को किनारे कर रहे हैं। किंग सलामन ने अपने पढ़े-लिखे युवा बेटे बिन सलमान को इस साल जून में उनके चचेरे भाई मोहम्मद बिन नायफ (57) की जगह देश का क्राउन प्रिंस घोषित किया था। 
बिन तलल ने ट्विटर, ऐपल जैसी दुनिया की दिग्गज कंपनियों में निवेश कर रखा है। युवराज सलमान ने सऊदी नैशनल गार्ड के प्रमुख मितब बिन अब्दुल्ला को भी बर्खास्त कर दिया है। मितब बिन को कभी शाही तख्त का दावेदार तक माना जाता था। साथ ही, नौसेना प्रमुख और आर्थिक मामलों के मंत्री को भी हटा दिया गया है। सऊदी मामलों के जानकारों का मानना है कि ऐसा युवराज सलमान के रास्ते के मुश्किलों को आसान करने के लिए किया गया है। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि यह कदम भ्रष्टाचार मिटाने के लिए लिया गया है, यह कहना मुश्किल है।
बहरहाल, इस घटनाक्रम ने समूचे देश को हिला कर रख दिया है। सऊदी अरब के सरकारी अल अरबिया चैनल ने खबर दी है कि आयोग ने लाल सागर के तट पर बसे जेद्दा शहर में वर्ष 2009 में आई विनाशकारी बाढ़ जैसे पुराने मामलों की जांच शुरू करते ही शहजादों, चार मौजूदा और दर्जनों पूर्व मंत्रियों को गिरफ्तार कर लिया। सऊदी अरब की सरकारी प्रेस एजेंसी ने कहा कि आयोग का लक्ष्य सार्वजनिक धन को बचाना, भ्रष्ट लोगों और ओहदों का दुरुपयोग करने वालों को दंडित करना है। 

इस बीच देश के उलेमा की शीर्ष परिषद ने कार्रवाई पर जरूरी मजहबी समर्थन देते हुए ट्वीट किया कि भ्रष्टाचार रोधी प्रयास उतने ही अहम हैं जितनी कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई अहम है। सितंबर में प्रभावशाली उलेमा और कार्यकर्ताओं की गिरफ्तारियां की गईं और 32 वर्षीय मोहम्मद बिन सलमान ने सत्ता पर अपनी पकड़ को मजबूत किया था। विशेषज्ञों का कहना है कि हिरासत में लिए गए ज्यादातर लोग शहजादे मोहम्मद की आक्रामक विदेश नीति की मुखालफत करते हैं जिसमें खाड़ी पड़ोसी कतर का बहिष्कार करना और कई बड़े नीतिगत सुधार शामिल हैं। बता दें कि युवराज सलमान ने पिछले महीने देश में नरम इस्लाम की भी वकालत की थी। 

बड़े नीतिगत सुधारों में सरकारी संपत्ति का निजीकरण करना और सब्सिडी कम करना आदि हैं। ताजा कार्रवाई में, शहजादे मितब बिन अब्दुल्ला को नैशनल गार्ड के पद से बर्खास्त किया गया है। नैशनल गार्ड आतंरिक सुरक्षा का अहम बल है। उनकी बर्खास्तगी से देश के सुरक्षा संस्थानों पर युवराज सलमान की पकड़ मजबूत होगी। इस साल जून में, मोहम्मद बिन सलमान ने तख्त का उत्तराधिकारी बनने के लिए अपने 57 वर्षीय चचेरे भाई शहजादे मोहम्मद बिन नायफ को किनारे करा दिया था। उस वक्त, सऊदी अरब के चैनलों पर एक विडियो में दिखाया गया था कि मोहम्मद बिन सलमान अपने बड़े भाई मोहम्मद बिन नायफ का हाथ चूम रहे हैं तथा आदर में उनके सामने घुटने पर बैठ गए। 

पश्चिमी मीडिया ने बाद में खबर दी कि मोहम्मद बिन नायफ को नजरबंद कर दिया गया था। इस दावे का सऊदी अधिकारियों ने कड़ाई से खंडन किया। पहले से ही वस्तुत: शासक के तौर पर देखे जा रहे, मोहम्मद बिन सलमान सरकार के सभी अहम हिस्सों पर नियंत्रण कर रहे हैं जिसमें रक्षा से लेकर आर्थिक मामले शामिल हैं। ऐसा माना जा रहा है कि शहजादे 81 वर्षीय अपने पिता शाह सलमान से औपचारिक तौर पर सत्ता लेने से पहले आतंरिक असंतुष्टों की पहचान कर उन्हें बाहर कर रहे हैं।
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