मुश्किल में फंसे पड़ोसियों को मिली भारत की मदद



नई दिल्ली:  भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव के दौर में दक्षिण एशियाई देशों के संगठन सार्क के अस्तित्व पर भले ही सवाल खड़े किए जा रहे हों, लेकिन विदेशी मुद्रा की कमी से जूझ रहे सार्क देशों की मदद कर भारत आर्थिक सहयोग बढ़ाने में लगा है। इसी इरादे से हाल में भारतीय रिजर्व बैंक ने मालदीव की मदद की।

सार्क देशों में आर्थिक सहयोग और स्थिरता बढ़ाने के लिए रिजर्व बैंक ने करंसी स्वैप की सुविधा देने का फैसला कर रखा है। इसके तहत भुगतान या नकदी संकट होने पर पड़ोसी देश थोड़े समय के लिए 10 से 40 करोड़ डॉलर तक रकम डॉलर, यूरो या रुपये में पा सकते हैं। रिजर्व बैंक का बजट इस मद में कुल 2 अरब डॉलर तक है। भारतीय रिजर्व बैंक ने इससे पहले 2015 में श्रीलंका को भी 40 करोड़ डॉलर करंसी स्वैप की इजाजत दी थी। भारी कर्ज के बोझ तले दबे श्रीलंका में भुगतान संकट की स्थिति देखी गई है।

इसके साथ ही भूटान के साथ 10 करोड़ डॉलर का अग्रीमेंट साइन किया गया था। मालदीव को पहली बार यह सुविधा मिलने की जानकारी सबसे पहले वहां के मीडिया ने दी। एक रिपोर्ट में बताया गया है कि वहां के विदेशी मुद्रा भंडार में काफी कमी आ गई थी। मालदीव को एक भारतीय कंस्ट्रक्शन कंपनी को करीब 27 करोड़ डॉलर देने थे। असल में मालदीव की सरकार ने भारतीय कंपनी का एयरपोर्ट बनाने का कॉन्ट्रैक्ट कैंसल कर दिया था, जिसका हर्जाना देना था। इसका असर दोनों देशों के संबंधों पर भी पड़ रहा था। इसके बावजूद सार्क देशों के साथ करंसी स्वैप अग्रीमेंट के तहत रिजर्व बैंक ने मालदीव को 10 करोड़ डॉलर दिए गए। मालदीव को अपनी लोकल करंसी में उतने ही मूल्य की गारंटी जारी करनी थी। 10 करोड़ डॉलर की रकम तीन महीने में तीन पर्सेंट ब्याज दर पर चुकाने की बात है।
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