हफ्ते में 24 हजार की कैश विदड्रॉअल लिमिट हो सकती है खत्म, सरकार ने दिए संकेत




नई दिल्ली: सरकार ने संकेत दिए हैं कि 24 हजार रुपए की वीकली कैश विदड्रॉअल लिमिट खत्म करने पर फैसला जल्द लिया जा सकता है। फाइनेंस सेक्रेटरी शक्तिकांत दास ने शुक्रवार को कहा कि बेहद कम लोग हफ्ते में 24 हजार या महीने में 96 हजार रुपए सेविंग अकाउंट से निकालते हैं, इसे देखते हुए जल्द RBI वीकली विदड्रॉअल लिमिट हटाने का फैसला ले सकती है। दास ने कहा, "रिमोनेटाइजेशन एक्सरसाइज पूरी होने के करीब है।


- RBI ने 1 फरवरी से ATMs से कैश विदड्राॅअल की लिमिट में ढील दी थी।
- अब एक बार में 24 हजार रुपए निकाल सकते हैं, लेकिन अगली बार पैसा निकालने के लिए एक हफ्ते इंतजार करना होगा। 
ATM से विदड्रॉअल की लिमिट कितनी?
पहले: एटीएम से 2000 रुपए निकाल सकते थे। बाद में, अपने बैंक के एटीएम से 2500 रुपए निकालने की इजाजत मिली। नोटबंदी के 50 दिन बाद दिसंबर अंत में यह लिमिट बढ़ाकर 4500 रुपए कर दी गई। जनवरी में इसे बढ़ाकर 10 हजार रुपए किया गया।
अब: आरबीआई के पिछले सर्कुलर के मुताबिक, इस लिमिट को खत्म कर दिया गया। यानी अब एटीएम से एक व्यक्ति एक कार्ड का इस्तेमाल कर एक बार में या एक हफ्ते में 24 हजार रुपए निकाल सकेगा।
सेविंग अकाउंट से बैंक जाकर कितनी रकम निकाली जा सकती है?
पहले:
 बैंक के काउंटर से सेविंग्स अकाउंट्स से एक हफ्ते में 10 हजार रुपए निकालने की लिमिट थी। फिर 24 हजार की लिमिट तय की गई।
अब: सेविंग अकाउंट्स पर विदड्रॉअल लिमिट जारी रहेगी। इस पर बाद में फैसला लिया जा सकता है। इसी वजह से अभी एटीएम से आप 24 हजार रुपए से ज्यादा नहीं निकाल सकेंगे।
बाकी अकाउंट्स से विदड्रॉअल की लिमिट कितनी बढ़ी?
पहले:
 करंट अकाउंट से एक हफ्ते में पैसा निकालने की लिमिट 50 हजार रुपए थी। जनवरी में यह एक लाख रुपए की गई थी।
अब: करंट अकाउंट्स, कैश क्रेडिट अकाउंट्स और ओवरड्राफ्ट अकाउंट्स से पैसा निकालने की लिमिट तुरंत खत्म कर दी गई है।
फैसले से क्या फायदा होगा?
- मेट्रो शहरों में दूसरे बैंक का एटीएम महीने में 3 और शहरी इलाकों में 5 बार ही फ्री हैं। इसके बाद हर ट्रांजैक्शन पर 20 रु. लगते हैं। एक साथ ज्यादा पैसे निकालने से इस खर्चे में थोड़ी बचत होगी।
आरबीआई ने फैसला क्यों किया?
- अब तक 67% करंसी दोबारा चलन में आ चुकी है। डिजिटल ट्रांजैक्शन 40%, कार्ड पेमेंट 39% और पीओएस का इस्तेमाल 41% बढ़ा है। ऐसे में एटीएम और बैंकों पर दबाव कम हुआ है। इसलिए राहत दी है।
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