महानगर में हुई शर्मनाक वारदात,परिजनों के साथ सो रही मासूम को ओला कैब में उठाया, तीन घंटे तक करते बलात्कार व हत्या कर शव को नहर में फेंका


कोलकाता ः दिल्ली के दामिनी कांड को भी शर्मशार कर देने वाली घटना कोलकाता में घटी है| यहां बुधवार की सुबह ४ बजे के करीब दो ओला चालकों ने फुटपाथ पर अपने परिजनों के साथ सो रही मासूम को उठाकर कई दफे सामूहिक बलात्कार किया व उसके बाद गला दबाकर हत्या की तथा शव को एक नहर में फेंक दिया| पुलिस  ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है| उनकी पहचान गुड्डू सिंह (२२) व शंकर साव (२०) के रूप में हुई है| पुलिस ने इन दोनों को वाटगंज थाना इलाके से गिरफ्तार किया है| गुड्डू को राम गोपाल स्ट्रीट से सुबह ८ बजे गिरफ्तार किया गया| उसकी निशानदेही पर शंकर को सुबह ९.३० बजे कवि तिर्थ सरणी से पकड़ा गया है|
घटना के बारे में संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध-अतिरिक्त प्रभार) विशाल गर्ग ने बताया कि मंगलवार की सुबह दोनों आरोपियों ने डब्ल्यूबी ०४ एफ ८३७४ नम्बर की ओला कैब में सवार होकर ४ बजे के करीब ९ नम्बर ब्रैबर्न रोड पर बैंक ऑफ इंडिया के सामने अपने परिजनों के साथ फुटपाथ पर सो रही १२ वर्षिय मासूम को गाड़ी में उठाया| बच्ची के चिल्लाने की आवाज सुनकर उसका मामा पवन दास (६५) उठा व चिल्लाते हुए कार के पीचे बागा पर तेज गति से कैब ड्राइव करते हुए ये लोग बच्ची को लेकर फरार हो गये| उसके बाद सुबह ५ बजे के करीब मामा व अन्य परिजनों ने मामले की शिकायत थाने में दर्ज करवायी जिसके बाद सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कैब की पहचान कर पहले गुड्डू को गिरफ्तार किया गया व उसकी निशानदेही पर शंकर को पकड़ा गया| दोनों से करीब दो छंटे तक पुछताछ की गया जिसके बाद इन लोगों ने बताया कि बच्च्ची का बलात्कार करने के बाद इनलोगों ने उसकी हत्या कर तिलजला खाल में फेंक दी है| आनन-फानन में पुलिस की टीम गोताखोरों के साथ जीजे रोड पर स्थित इस खाल में पहुंची व दोपहर १२.१५ बजे के करीब शव को निकाला| शव के शरीर पर कोई भी कपड़ा नहीं था| मेडिकल कॉलेज में पोस्टमार्टम के बाद यह पता चला है कि दोनों ने बच्ची के साथ कइ दफे सामूहिक बलात्कार किया| दोनों ने पहले से ही शराब पी रखी थी| बलात्कर करने के बाद दोनों ने बच्ची का गला दबाकर हत्या की व तिलजला खाल में फेंककर अपने-अपने घर आ गये| दोनों ने घटना में इस्तेमाल की गयी कैब को खिदिरपुर के पास सड़क किनारे छोड़ दी थी जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है|
सूत्रों से पता चला है कि पार्क सर्कस के पास से गुजरते वक्त जब लड़की ने चिल्लाने की कोशिश की तो आरोपियों ने उसका गला दबा दिया| इसके बाद बच्ची की मौत हो गई थी| वे उसका शव लेकर अंबेडकर ब्रिज पर गए और वहां से लाश को नहर में फेंक दिया| पुलिस ने बताया कि बच्ची की मामा व मां द्वारा सुबह पांच बजे शिकायत दर्ज करवाने के बाद पुलिस ने ट्रैफिक कंट्रोल रूम को अलर्ट कर दिया था| इसके बाद कार का रजिस्ट्रेशन नंबर मिल गया| कार के मालिक से पूछने पर ड्राइवर का पता चल गया और फिर उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया| एक घंटे की पूछताछ के बाद उन्होंने अपना जुर्म कबूला और उस जगह की जानकारी दी जहां बच्ची का शव फेंका था|
बच्ची के परिजन फुटपाथ पर ही रहते हैं और घरों तथा आस-पास की दुकानों में बर्तन मांजने का काम करते हैं|

ओला ने जताया दुःख
घटना के बारे में ओला की ओर से एक ऑफिसियल स्टेटमेंट जारी कर दुःख व्यक्त किया गया है| ओला की ओर कहा गया है कि घटना की जानकारी मिलने के बाद से ही ओला की ओर से संलिप्त कैब का एकाउंट स्थगित कर दिया गया है| ओला ने जांच में प्रशासन की जांच में सहयोग का भरोसा दिया है| हालांकि ओला की ओर से यह भी दावा किया गया कि ओला कैब में ऐसी घटनाएं नहीं होती है पर सच्चाई इससे काफी दीगर है| इस घटना से ओला और ऊबर जैसी कैब सेवाओं पर सवाल खड़ा हो गया है| हालांकि कोलकाता में इस तरह की नृशंस घटना पहली बार सामने आई है| साल २०१५ के दिसंबर में दिल्ली में ओला ड्राइवर ने एक महिला को रेप किया था और उसे मारने की धमकी भी दी थी| इसके बाद मई २०१६ में एक ओला ड्राइवर द्वारा बेल्जियम की नागरिक के साथ कथित तौर पर छेड़छाड़ करने की घटना भी सामने आई थी|
पहले भी गिरफ्तार हो चुका है आरोपी पर फिर भी ओला में था ड्राइवर
घटना के बारे में पुलिस की ओर से मिली जानकारी के अनुसार मुख्य आरोपी गुड्डू सिंह ओला में पिछले दो सालों से ड्राइवर था| यानी वह वर्ष २०१३ के अंच या २०१४ से ओला के लिए गाड़ी चला रहा था| पर स आश्‍चर्य इस बात का है वह छिनताई के केस में वर्ष २०१३ में गिरफ्तार होकर जेल भी जा चुका है| वह कई दिनों तक जेल में रहा बावजूद इसके वह ओला कैब का ड्राइवर कैसे बन गया यह अपने आप में सबसे बडा सवाल है| दरअसल ओला व उबेर सरीखी टैक्सी सेवाओं में ड्राइवरों की नियुक्ती से पहले उनका मनोचिकित्सकीय जांच होता है ताकि पता चल सके कि मानसीक रूप से उक्त व्यक्ति की प्रवृति कैसी है| इसके अलावा पुलिस में ड्राइवर की सीवी देकर पुरी छानबीन करने के बाद ही नियुक्ति होती है पर पेशेवर आपराधी होने के बावजूद गुड्डू कैसे ड्राइवर बन गया यह इन टैक्सी सेवाओं की कलई खोलने वाला है|
जबाब देने से कतराते रहे ओला ऑफिसियल्स
आरोपी अपराधी ड्राइवर को कैसे नियुक्त किया गया इस बारे में पूछने पर ओला के प्रतिनिधि जवाब देने से कतराते रहे| कलकत्त्ता के ऑपरेशन हेड नितेश प्रसाद को जब फोन किया गया तो उन्होंने घटना की जानकारी होने से ही इनकार कर दिया| उन्होंने कहा कि वे शहर से बाहर हैं इस बारे में कम्यूनिकेशन हेड से बात किया जाये| कम्यूनिकेशन हेड सौमित्र सेन को जब फोन किया गया तो घटना के बारे में सुनकर फोन काट दिये व उसे बाद फोन ही नहीं उठाया|

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