लांसनायक हनुमनथप्पा का निधन, देश भर में शोक की लहर


नई दिल्ली : सियाचिन ग्लेशियर में हुए हिमस्खलन के बाद जीवित मिले एकमात्र जवान लांस नायक हनुमनथप्पा कोप्पड़ का गुरुवार को निधन हो गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए कहा कि देश को आपके जैसे जाबांज शहीद पर गर्व है।

हनुमनथप्पा कोप्पड़ को दो दिन पहले गंभीर हालत में दिल्ली के आर्मी हॉस्पिटल (रिसर्च एंड रेफरल) में भर्ती कराया गया था।

एक अधिकारी ने बताया कि उन्होंने गुरुवार सुबह 11.45 बजे अंतिम सांस ली।

सेना के प्रवक्ता ने बताया कि जाबांज शहीद का अंतिम संस्कार कर्नाटक स्थित उनके गृहनगर में किया जाएगा। वे धारवाड़ जिले के बेटादूर गांव के रहने वाले थे।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनके निधन पर शोक जताते हुए ट्विटर पर लिखा, ‘वह हमें दुखी व तन्हा कर चले गए। लांस नायक हनुमनथप्पा की आत्मा को शांति मिले। जवान आप अमर हैं। गर्व है कि आप जैसे शहीदों ने भारत की सेवा की।’

लाखों देशवासी लांस नायक की सलामती की दुआएं मांग रहे थे लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

गुरुवार तड़के उनकी हालत और बिगड़ गई।

सुबह में चिकित्सकों ने कहा था कि उनकी हालत बेहद नाजुक है और कई अंगों ने काम करना बंद कर दिया है।

कोप्पल की पत्नी समेत उनका परिवार अस्पताल परिसर में है। उनकी एक दो साल की बेटी भी है।

तीन फरवरी को सियाचिन ग्लेशियर में एक जबर्दस्त हिस्खलन हुआ था, जिसमें हनुमनथप्पा और नौ अन्य सैनिक लापता हो गए थे। सोमवार को करीब 35 फुट बर्फ के नीचे से हनुमनथप्पा जिंदा निकाले गए। वह तीन दिनों से कोमा में थे।

हनुमनथप्पा अपने 13 साल की सेवा में 10 साल दुर्गम व चुनौतीपूर्ण जगहों पर तैनात रहे। वह आतंकवाद रोधी अभियानों में भी सक्रिय रूप से शामिल रहे। वह अगस्त, 2०15 से सियाचिन ग्लेशियर के अति ऊंचाई वाले इलाकों में सेवा दे रहे थे।
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