ममता की वोट बैंक राजनीति का उदाहरण सामने: भाजपा


नई दिल्ली : भाजपा ने अपने तथ्य अन्वेषण दल को हिंसा प्रभावित कालियाचक जाने की अनुमति नहीं देने के बाद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर ‘वोट बैंक’ की राजनीति करने का आरोप लगाया और कहा कि पार्टी का एक शिष्टमंडल जल्द ही इस संबंध में राष्ट्रपति से मिलेगा। भाजपा के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थ नाथ सिंह ने आरोप लगाया कि भाजपा के तीन सदस्यीय दल को नहीं जाने देने का निर्णय ममता की वोट बैंक की राजनीति का स्पष्ट उदाहरण है।
उन्होंने दावा किया कि तानाशाही राज्य सरकार की अपराधियों के प्रति अनुकंपा है लेकिन वह राष्ट्रवादियों को बंदूक दिखा रही है। तीन जनवरी को मालदा जिले में हिंसा पर राज्य सरकार के स्पष्टीकरण को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि इसका मकसद रिकार्ड को नष्ट करना है जो कथित तौर पर जाली मुद्रा गिरोह से जुड़ा है और जिसे पुलिस थाने में रखा गया था।


सिंह ने संवाददाताओं से कहा, ''हम गृह मंत्री से मुलाकात करेंगे और इस बारे में उपयुक्त जांच कराने की मांग करेंगे। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए हम राष्ट्रपति से भी मिलेंगे।’’ उन्होंने कहा कि एक लाख लोगों से अधिक की भीड़ साम्प्रदायिक भावना के साथ जमा हुई लेकिन राज्य सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की जबकि उकसाऊ पर्चे बांटे जा रहे थे। भीड़ कथित तौर पर एक हिंदुत्व नेता के खबरों में आए बयान का विरोध कर रही थी और हिंसक हो गई। पश्चिम बंगाल के पार्टी मामलों के सह प्रभारी ने कहा कि ऐसा निंदनीय बयान देने के एक महीने बाद विरोध प्रदर्शन हुआ। उन्होंने दावा किया कि यह स्वत: हुई घटना नहीं बल्कि योजनाबद्ध कार्रवाई थी। उन्होंने ममता बनर्जी से इस घटना को लेकर पांच सवाल पूछे और दावा किया कि मालदा जाली मुद्रा और अफीम गिरोह का प्रमुख केंद्र बना गया है और वोट बैंक की राजनीति के कारण तृणमूल कांग्रेस सरकार कोई कार्रवाई नहीं कर रही है। भाजपा नेता ने कहा, ''आपने यह जानते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की कि 80 प्रतिशत जाली मुद्रा मालदा के जरिये जाती है। अफीम उत्पादन किया जाता है और तस्करी से बांग्लादेश भेजा जाता है। आप किसे बचाना चाहते हैं?’’
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